Pahachaan jara: कवि, कवित्त को पहचान जरा
!! पहचान जरा!! (Pahachaan jara) Pahachaan jara: कवि, कवित्त को पहचान जराशब्द लय मिला या किस बिम्ब छन्दढूढ़ता वो गान बह चली जिस धारचल, उठ, फिर ठहर जाता मन्द – … Read More
!! पहचान जरा!! (Pahachaan jara) Pahachaan jara: कवि, कवित्त को पहचान जराशब्द लय मिला या किस बिम्ब छन्दढूढ़ता वो गान बह चली जिस धारचल, उठ, फिर ठहर जाता मन्द – … Read More
!! होली आई !! (Holi aai re) Holi aai re: होली आई होली आईढ़ेर सारी खुशियाँ लायीरंगो का त्योहार हैबच्चों का भी हुड़दंगकहीं पिचकारी की रंग तोकहीं कीचड़ों की दंगजहाँ … Read More
!! काफिरे नहीं उसकी !!(Khidkiya khul chuki) खिड़कियाँ खुल चुकी (Khidkiya khul chuki)घर के, फाटक के भीइतिहास पलटा बीती काल केकबीर देखा, तुलसी भीयथार्थ के पीछे छूटे तस्वीरइति रचा, स्वं … Read More
!! मैं ढूंढा !! (Kavya) Kavya: मैं ढूंढ़ा उसे गर्दिशों मेंठहर गया मानो कोईसाथ नहीं सहारा नहींजिस कदर में जातालोग ठुकरा जाते मुझेकिस तन्हा से कहूँ मैंकिस ओर जाने वोजिस … Read More
!! धार !! (Story of life) Story of life: फँस गई धार बहते जीवन केइस दर तो कभी वो दलहीज़आँखे नम नहीं जो रूकता तन्हा केलम्हें भी याद आती वो … Read More
!! फूलों के महक!! Phoolon ki mahak फूलों के महक में क्या छिपा? उस छिपी कलियों से जाकर पूछोयह प्रश्न चिन्ह नहीं ख्वाबों केहै यह प्रकृति के रंगीन तस्वीर देखो … Read More
Swami Vivekanand: सज रही कुन्तल (स्वामी विवेकानंद की स्मृति में) Swami Vivekanand: जग उठी है पूर्व की किरणेंगिरी धो रही अँचल कायाक्षितिज कोने से देखो वसन्तकरता पदवन्दन तरुवर नरेन्द्र का … Read More
!! चींटी रानी (बाल कविता)!! Chinti rani चींटी रानी कहाँ चली( Chinti rani)कहाँ चली बोलो कहाँ चली ?बढ़ – बढ़ आँगन को जातीफिर कहाँ गुम भी हो जातीमैं देखा था … Read More
!!कोयल कौआ सम्वाद!! (crow cuckoo) crow cuckoo: जब कौआ कोयल उड़े गगन में साथएक – दूसरे को देख आश्चर्य में भरीशान से कौआ बोला कोयली सेतू क्यों आएं इधर मेरे … Read More
!! ॐ ॐ उच्चार !! (Lata didi) Lata didi: स्वर – स्वर की लय में लग रहें तारगूंज – गूंज के बिखेरेगी दिव कली मेंस्वप्निल में सज रही कई स्वप्नों … Read More