Teacher’s Day-2024: शिक्षक की संस्था को पुनर्जीवित किया जाए: गिरीश्वर मिश्र

Teacher’s Day-2024: 5 सितम्बर शिक्षक दिवस पर विशेष Teacher’s Day-2024: शिक्षा का महत्व सभ्य समाजों में सदा से रहा है। शिक्षित हो कर जीने का सलीका आता है और मानवीय संवेदना का … Read More

World Sanskrit Day: संस्कृत की समकालीन प्रासंगिकता: गिरीश्वर मिश्र

ज्ञान की भारतीय परम्परा के स्रोत के रूप में संस्कृत भाषा और साहित्य प्रेरणा और गौरव का विषय है। ज्ञान की साधना को जीवन के क्लेशों से छुटकारा दिलाने के … Read More

Independence Day-2024: स्वाधीनता की गरिमा चाहिए: गिरीश्वर मिश्र

Independence Day-2024: आज आवश्यकता है अपने छोटे घरौंदों की सीमाओं को पहचानें। स्वाधीनता दिवस के अवसर को सुयोग बनाने की ज़रूरत है ताकि देश आगे बढ़ सके। Independence Day-2024: यह … Read More

Coaching Center: हादसे के शिकार होते कोचिंग केंद्र  

Coaching Center: जब भी गम्भीर घटना होती है जनता की आवाज़ उठती है और जाँच कमेटी बैठेगी “, “सख़्त कार्रवाई होगी “, “ क़ानून अपना काम करेगा “ और ‘दोषी को बख्शा नहीं जायेगा’ कहते … Read More

Guru Purnima-2024: गुरु की प्रतिष्ठा स्थापित हो!: गिरीश्वर मिश्र

Guru Purnima-2024: गुरु की झिड़की, डाँट, प्यार और दुलार सभी आशीर्वाद होता है क्योंकि उसमें शिष्य के लिए कल्याण का भाव छिपा रहता है । Guru Purnima-2024: आज की दुनिया … Read More

World Environment Day 2024: धरती, हम लोग और हमारा भविष्य: गिरीश्वर मिश्र

World Environment Day 2024: पृथ्वी सभी प्राणियों का बिना भेद-भाव के माता की तरह भरण-पोषण करती है। आज इसे भुला कर हम निर्मम भाव से इस पर्यावरण को अपने अविवेकपूर्ण … Read More

Democracy: लोकतंत्र के लिए !: गिरीश्वर मिश्र

 Democracy: जनता द्वारा, जनता का और जनता के लिए शासन के महास्वप्न को साथ लेकर लोकतंत्र की शासन-विधा आधुनिक युग में सबसे प्रबुद्ध, व्यावहारिक और विवेकशील सरकार चलाने की पद्धति … Read More

Ye Public Hai: जनता सब देख रही है !: गिरीश्वर मिश्र

            Ye Public Hai: इस बार देश में चल रहा चुनावी महाभारत कुछ ज़्यादा ही लम्बा खिंच रहा है और कई महारथी पशोपेश में पड़ते दिख रहे हैं। सेनापतियों पर शामत आ … Read More

International Labour Day 2024: श्रम से हो सार्थक जीवन 

International Labour Day 2024: भारत की सभ्यता प्राचीन काल से कर्म-प्रधान रही है। कर्म से ही सृष्टि होती है। श्रम का विलोम होता है विश्राम।ऐतरेय ब्राह्मण में श्रम का बड़ा ही मनोरम … Read More

Earth day-2024: पृथ्वी और प्रकृति का विकल्प नहीं है: गिरीश्वर मिश्र

 Earth day-2024: पृथ्वी, धरती, वसुंधरा, भूमि आदि विभिन्न नामों से जाने जाने वाली सता को हजारों साल से माता कहा जाता रहा है । अथर्ववेद के पृथ्वी सूक्त में माताभूमि: पुत्रोहं … Read More