Safar e jindagi: सफर ए जिन्दगी ऐसा क्यों है: रेणु तिवारी “इति”

सफर( Safar e jindagi) Safar e jindagi: सफर ए जिन्दगी ऐसा क्यों है?भीड़ में भी हर शख्स तन्हा क्यों है?काफिले बदलते रहते है खुशियों की तलाश में,पर वो सुकुन के … Read More

World Hindi Day: हिंदी पे हम सबको नाज है: प्रिया सिंह

|| हिंदी पे हम सबको नाज है || (World Hindi Day) बावन अक्षर से सजी, माँ सी मुझे प्यारी हैंजो बहती मेरी रोम-रोम में, लहू सी बनकरवो हिंदी मेरी आत्मा … Read More

it’s raining in the cold: ठंड में बारिश हो रही, ये कैसी तबाही हो रही

it’s raining in the cold ठंड में बारिश हो रहीये कैसी तबाही हो रहीजो मौसम इस तरह बदल रहीचारों ओर घनघोर घटा छा रहीठंड में बारिश हो रहीलगने लगी है … Read More

“वो दिन बचपन के”(those days of childhood) यादों में वाजिद हुसैन “साहिल” की शब्द रचना; दिल को छूने वाली

those days of childhood: “वो दिन बचपन के” those days of childhood: गुल भी कुछ कम नहीं बचपन में खिलाए हमनेबोर भी पेड़ से खुद तोड़ के खाए हमनेनोट कागज़ … Read More

दरोगा जी; (Daroga ji)आशीष बादल हमीरपुर द्वारा लिखित..

Daroga ji: दरोगा जी….. Daroga ji: आज बताते हैं आपको एक ऐसे शख्स की पहचान,जिसने शान से बढ़ाया बुंदेलखंड का नाम..एक समय संघर्ष किया उसने जीवन में बहुत,फिर अपनों के … Read More

whan u alone: तुम सच में तब कंगाल हो जाते हो: रेणु तिवारी “इति”

तुम सच में उस वक्त कंगाल हो जाते होजब कोई नहीं मागता वक्त तुम्हारानही करता गुज़ारिश मिलने कीनही करता मनुहार देखने कानही जताता प्यार अपना तुमसेछोड़ देता है उम्मीद सारी … Read More

in memory of a friend: ऐ दोस्त… तुम कहा चले गए इस भीड़ में छोड़ तन्हा हमें: ममता कुशवाहा

in memory of a friend: ऐ दोस्त….. अब तो करती हूँ दूआ बस तेरे रूह(आत्मा) को मिले सुकून… ऐ दोस्त तुम कहा चले गए इस भीड़ में छोड़ तन्हा हमेंना … Read More

Man has his own definition: मर्द की अपनी एक अलग ही परिभाषा है: जय कुमार सिंह

     “मर्द” मर्द की अपनीएक अलग ही परिभाषा हैकभी माॅ का लाडलाकभी भाई, कभी पितातो कभी शैहर;कहलता है वो तो। अनेक खूबियाँ है उसमेंपरिवार की हर मुश्किल मेंहर मोड़ पेनज़र … Read More

We are all passengers of this world: हम सब मुसाफ़िर हैं इस दुनिया के……ममता कुशवाहा

हम सब मुसाफ़िर हैं इस दुनिया केयह बात पुरानी हैं सुनी बुजुर्गों सेएक न एक दिन छोड़ चले जाना हैसबको ये दुनिया, आये खाली हाथ हमजायेंगे खाली हाथ हमफिर क्यों … Read More