Ye dil mera: ये सुनहरा दिल मेरा, आखिर पत्थर बन ही गया
ये सुनहरा दिल मेरा (Ye dil mera)
आखिर पत्थर बन ही गया
बात बात पर जो भावों से बहता था
आज बर्फ की सख़्त चादर बन ही गया
जिसकी जैसी जरूरत वैसा बहलाया उसने
ना जाने कब मासूम बच्चें से ये सयाना हो गया
नहीं पिघलता अब मोम की तरह जज्बातों में
दुनियां देख देख अब ये थोड़ा चालाक हो गया
सुनहरा दिल मेरा, आख़िर पत्थर बन ही गया
~~रेणु तिवारी “इति”~~
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