letter of Emotions: कोरे काग़ज़ पर आज जज़्बात लिख रही हूँ: अनुराधा रानी

!! कोरा काग़ज़ !!( letter of Emotions) letter of Emotions कोरे काग़ज़ पर आज जज़्बात लिख रही हूँसवाल है मेरा क्या तेरा सिर्फ़ पढ़ना काफ़ी हैंमुझे लोगों की ज़रूरत हैंकुछ … Read More

Thoughts of writer: यह तड़प नहीं, विडंबना है, जो हर कोई ढोंग कर ही लेता है इस तमाशा में…

चक्रव्यूह रक्तोच्चार अँधेरे की लपटों छाया में घिराउजालों का आतम था न बिखराकिस – किस रन्ध्रों में ढूढ़ते थे कभी ?क्या , कभी , किसी को न मिला कभी ?बढ़ … Read More