Kavya: इस मिट्टी में वों सुगन्ध कहाँ अब ?: वरुण सिंह गौतम
!! कहर उठी उर में !!(Kavya) Kavya: इस मिट्टी में वों सुगन्ध कहाँ अब ?जब राम कृष्ण बुद्ध की बेला थीकहते वों देश काल के स्वयं प्राणभारत माँ बिखर गई … Read More
!! कहर उठी उर में !!(Kavya) Kavya: इस मिट्टी में वों सुगन्ध कहाँ अब ?जब राम कृष्ण बुद्ध की बेला थीकहते वों देश काल के स्वयं प्राणभारत माँ बिखर गई … Read More
!! जिंदगी के पहलु !! (Jindagi ke pahlu) Jindagi ke pahlu व्यक्ति को अपने जीवन में,सफलता तभी मिलती है,जब वह जग को नहीं,स्वयं को भुनाना प्रारंभ करता है। स्वार्थ की … Read More
!! समय !! (Samay) समय (Samay) होता है बलवानइनसे बड़ा न कोयदुनिया में आदर मिलेजो करे इनका सदुपयोग । जब समय रहती है तोसमझदारी नहीं रहतीजब समय नहीं रहतीतब समझदारी … Read More
!! दोस्ती !!(Dosti) दोस्ती (Dosti) इस जिंदगी काएक गहरा एहसास हैं,की दूर होते हुए भीतू लगता मेरे पास हैं।। तेरे साथ बिताए पलमुझे यूं ही याद आ जाती हैं,पर आती … Read More
शीर्षक :- लहर (Lahar) Lahar: रात गुजर रही मेरे साथचहुँओर दिखा राख – सी चित्रमानो दे रहा कोई संदेशप्रत्याशा है जैसे झींगुर राग घट के दिशा – दिशा तिरती पवनेंमन्द … Read More
!! महोच्चार जाग्रत उर में !! (Kavya) Kavya: सान्ध्य बीती जैसे जीवन नूर की नैयाबहती रेत – सी पीछे छुटती छैयातस्वीर बन रचती जैसी हो शशि रागबन , मुरझा उठीं … Read More
!! मेरा गांव !!(Mera gaanv) Mera gaanv: वो गांव बस एक गांव था,सुख–शांति चहुँ ओर थी,सभी लोग परोपकारी थे,उनकी दुनिया ही अलग थी। न जातिभेद न कर्मभेद,कोई किसी को न … Read More
!! याद-ए-शहादत !!(Yaad E shahadat) एक दीप शहीदों के नाम (Yaad E shahadat)पार किये जिन्होंने मुश्किलें तमामखा ली गोलियां सीने पर जिन्होंनेलेकिन उफ़ तक न की उन्होंने। होता नहीं जिनका … Read More
!! ऊंची उड़ान, ऊंचे आसमां !!(flying high) flying high: पंछी ने हमारा क्या बिगाड़ा है ?उसने तो हमें कुछ कहा भी नहीं कभीफिर भी हम अपनी खुशियाँ के कारणउसे बंधी … Read More
!! इंसानियत !!(Insaniyat) इंसानियत (Insaniyat) के राह परहमें चलना होगाठोकरे खा- खा करहमें संभालना होगा । इंसान इंसानियत के बिनाइंसान नहीं होतामानव मानवता से बड़ाकोई धर्म नहीं होता । इंसानियत … Read More