Kavya: सान्ध्य बीती जैसे जीवन नूर की नैया बहती रेत – सी पीछे छुटती छैया
!! महोच्चार जाग्रत उर में !! (Kavya) Kavya: सान्ध्य बीती जैसे जीवन नूर की नैयाबहती रेत – सी पीछे छुटती छैयातस्वीर बन रचती जैसी हो शशि रागबन , मुरझा उठीं … Read More
!! महोच्चार जाग्रत उर में !! (Kavya) Kavya: सान्ध्य बीती जैसे जीवन नूर की नैयाबहती रेत – सी पीछे छुटती छैयातस्वीर बन रचती जैसी हो शशि रागबन , मुरझा उठीं … Read More