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Jindagi ke pahlu: स्वार्थ की दुनिया है, स्वार्थ का याराना

!! जिंदगी के पहलु !! (Jindagi ke pahlu)

Utsav Kumar, Jindagi ke pahlu
उत्सव कुमार, जवाहर नवोदय विद्यालय
बेगूसराय, बिहार

Jindagi ke pahlu

व्यक्ति को अपने जीवन में,
सफलता तभी मिलती है,
जब वह जग को नहीं,
स्वयं को भुनाना प्रारंभ करता है।

स्वार्थ की दुनिया है,
स्वार्थ का याराना,
जिसे भी अवलोकन करो,
पैसों का है दीवाना।

दुनिया में किसी पर भी
अंधविश्वास कभी मत करना,
आज लोग रिश्तों से नहीं,
पैसों से प्यार करते है।

जिंदगी में कभी अपने किसी,
कला पर घमंड मत करना,
क्योंकि घमंड से चूर व्यक्ति,
स्वयं के बोझ तले दबा।

अहंकार कभी मत करना जिंदगी में,
तकदीर तो बदलती रहती है,
दुनिया वही रहती है,
बस तस्वीर बदल जाती है।

लोग मोहब्बत का दिखावा करके,
दिलों में द्वेष भावना रखते है,
यह वह लोग होते है!
जो सम्मुख से नहीं,
नामौजूदगी में वैरी निभाते है।

लोगों की बातों पर कभी मत रहना,
लोग तो हमेशा इंसान को ,
भटकाने का प्रयास करते है,
क्योंकि लोग जलते है ,
तुम्हारे काबिलियत को देखकर।

जिंदगी में दुःख और सुख का,
परिक्रमण होना अनिवार्य है,
हमें दोनों ही परिस्थिति में,
मन को प्रसन्न रखना है,
क्योंकि प्रसन्नता से भरा मन,
किसी भी अड़चन को,
परास्त कर देता है।

जिंदगी में कभी ऐसा मोड़ आए,
जिस मोड़ पर तुम्हें लगने लगे कि,
सफलता के सभी द्वार बंद हो गए है,
तब तुम अपने लक्ष्य को बड़ा करो,
सफलता के अनेक नये द्वार,
साक्षात खुल जाएंगे।

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क्या आपने यह पढ़ासमय (Samay) होता है बलवान

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