Rabindranath Tagore: स्वप्नदर्शी विश्व कवि और उनकी मानव-दृष्टि: गिरीश्वर मिश्र

विश्वात्मा की झलक पाने के लिए कवि (Rabindranath Tagore) अपने को तैयार करते रहे. समस्त जीवन पूरी समग्रता के साथ उनके अनुभव का हिस्सा था. कवि ने साहित्य की सभी … Read More

Corona’s challenge कोरोना की चुनौती सबकी जिम्मेदारी है: गिरीश्वर मिश्र

Corona’s challenge: हमारा व्यवस्था-तंत्र कुशल कर्म के साथ दक्षता और उत्कृष्टता की जगह भेद-भाव, भाई भतीजावाद, चापलूसी, घूस, राजनैतिक हस्तक्षेप आदि के भ्रष्ट तरीकों से ग्रस्त होता जा रहा है. … Read More

भगवान महावीर (Mahavir)का पुण्य स्मरण

भगवान महावीर (Mahavir) ने धर्म की एक व्यापक दृष्टि दी जो आज के हिंसा , संघर्ष , कलह , अविश्वास , असत्य के दौर में बेहद प्रासंगिक हो रही है. … Read More

Girishwar Misra: भारती हिन्दी के विकास को साकार करने की चुनौती

मैंने एक परियोजना को भी आरंभ किया जिसके द्वारा ऐसे ई-कोश को विकसित किया जाए जहां शब्द, उसके अर्थ, साहित्य में प्रयोग और उच्चारण का उल्लेख हो: गिरीश्वर मिश्र (Girishwar … Read More

Bharat: भारत की क्षेत्रीय संतुलन और नेतृत्व की दावेदारी प्रबल हुई है

कोरोना के गुणवत्ता वाले टीके का अंतर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप तेजी से विकास कर सब के सामने एक भारत (Bharat) ने ऐतिहासिक मिसाल क़ायम की । इस पूरे … Read More

Holi: कोरोना की छाया में होली की आहट

होली (Holi) वस्तुत: रस में भींगने-भिगाने का एक महा उत्सव है जिसमें बडे-छोटे, ऊँच-नीच, बाल-वृद्ध आदि का भेद भुला कर लोग एक दूसरे को गुदगुदाने, हंसने- हंसाने और रंगों से … Read More

मातृभाषा (Mother toungue) और शिक्षा का लोकतंत्रीकरण

मातृभाषा (Mother toungue) मनुष्य इस अर्थ में भाषाजीवी कहा जा सकता है कि उसका सारा जीवन व्यापार भाषा के माध्यम से ही होता है । उसका मानस भाषा में ही … Read More

‘महात्मा गांधी और उनकी वैश्विक मानव दृष्टि’ :73 Death Anniversary पर खास लेख

Mahatma Gandhi 73 Death Anniversary: महात्मा गांधी सारी मानवता के लिए एक सार्वभौमिक सामाजिक सिद्धांत में विश्वास करते थे और सबके कल्याण के बारे सोचते थे . सभ्यता के बारे … Read More