गणतंत्र है एक वृन्द वाद्य !
भारत एक विविधवर्णी संकल्पना है जिसमें धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्र , रूप-रंग , वेश-भूषा , नाक-नक्श और रीति-रिवाज आदि की दृष्टि से व्यापक विस्तार मिलता है. यह विविधता यहीं नहीं … Read More
भारत एक विविधवर्णी संकल्पना है जिसमें धर्म, जाति, भाषा, क्षेत्र , रूप-रंग , वेश-भूषा , नाक-नक्श और रीति-रिवाज आदि की दृष्टि से व्यापक विस्तार मिलता है. यह विविधता यहीं नहीं … Read More
‘सन्यास’ को अक्सर दीन-दुनिया से दूर आत्मान्वेषण की गहन और निजी यात्रा से जोड़ कर देखा जाता है। मुक्ति की ऐसी उत्कट अभिलाषा स्वाभाविक रूप से मनुष्य को अंतर्यात्रा की … Read More
भारत बहुत दिनों से गाँवों की धरती के रूप में पहचाना जाता रहा है. भारत के परम्परागत सामाज के मौलिक प्रतिनिधि के रूप में गाव को लिया गया . सन … Read More
सात्विक आहार, विचार और व्यवहार वाले महामना एक सनातनी , नि:स्पृह और उदार भाव वाले हिंदू धर्म सच्चे प्रतिनिधि थे. महामना वस्तुत: भारतीयता के साक्षात विग्रह सरीखे थे. संस्कृत, हिंदी … Read More
इस अवसर पर देश की स्थिति पर गौर करते हुए वे अधूरे काम भी याद आ रहे हैं जो देश और समाज के लिए अनिवार्य एजेंडा प्रस्तुत करते हैं . … Read More
पिछले दिनों काशी में देव दीपावली के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री जी ने देवी अन्नपूर्णा की मूर्ति को , जिसे तस्करी में चुरा कर एक सदी पहले कनाडा की रेजिना … Read More
आज के दौर में चिंता, अवसाद और तनाव निरन्तर बढ रहे हैं. बढती इछाओं की पूर्ति न होने पर क्षोभ और कुंठा होती है . तब आक्रोश और हिंसा का … Read More
आज कोरोना की महामारी ने ठण्ड और प्रदूषण के साथ मिल कर आम आदमी की जिन्दगी की मुश्किलों को बहुत बढ़ा दिया है. बहुत कुछ अचानक हो रहा है और … Read More
आजकल का समय स्वास्थ्य की दृष्टि से एक घनी चुनौती बनता जा रहा है जब पूरे विश्व में में मानवता के ऊपर एक ऐसी अबूझ महामारी का असर पड़ रहा … Read More