International Mother Language Day-2023: आत्मनिर्भर भारत के लिए चाहिए मातृभाषा में शिक्षा: गिरीश्वर मिश्र

International Mother Language Day-2023: नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को शिक्षा के माध्यम के रूप में अवसर देने पर विचार किया गया है। International Mother Language Day-2023: आज शायद ही … Read More

74th Republic day: गणतंत्र का आवाहन सुनें !

चौहत्तर साल पहले (74th Republic day) आज ही के दिन भारत की संसद ने देश की शासन व्यवस्था चलाने के लिए एक संविधान स्वीकार किया था जिसने भारत सरकार अधिनियम-1935 … Read More

New year challenges: नए वर्ष की चुनौतियाँ और सम्भावनाएँ: गिरीश्वर मिश्र

New year challenges: जब हम भारत और उसके कोटि-कोटि जनों के लिए सोचते हैं तो मन में भारत भूमि पर हज़ारों वर्षों की आर्य सभ्यता और संस्कृति की बहु आयामी … Read More

Indian women: भारतीय महिलाओं का सामाजिक यथार्थ और चुनौतियाँ: गिरीश्वर मिश्र

Indian women: इस तथ्य के बावजूद कि महिलाएं हमारे समाज का एक अभिन्न अंग हैं और कई महिलाएं घर और बाहर विविध जिम्मेदारियों को निभा रही हैं, उनकी स्थिति और … Read More

तुम दीपक हम बाती(tum dipak ham bati): गिरीश्वर मिश्र

tum dipak ham bati: भारतीय समाज अपने स्वभाव में मूलतः उत्सवधर्मी है और यहाँ के ज़्यादातर उत्सव सृष्टि में मनुष्य की सहभागिता को रेखांकित करते दिखते हैं । प्रकृति की … Read More

Paandity-parampara: पांडित्य-परम्परा की अनोखी सम्पदा रक्षणीय है: गिरीश्वर मिश्र

वाचिक पद्धति से सीखने और याद करने की अपनी सीमाएँ हैं । वाचिक ढंग से ग्रहण कर किसी सामग्री को स्मृति में बनाए रखने के लिए किसी तकनीकी उपकरण की … Read More

World mental health day: जीवन में आरोग्य है समृद्धि का द्वार: गिरीश्वर मिश्र

10 अक्टूबर विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस( World mental health day) ‘जीवेम शरद: शतम्’ !(World mental health day) भारत में स्वस्थ और सुखी सौ साल की जिंदगी की आकांक्षा के साथ … Read More

Gandhi Jayanti 2022: स्वराज का बिम्ब और स्वदेशी का संकल्प: गिरीश्वर मिश्र

Gandhi Jayanti 2022: गांधी जी विभिन्न धर्मावलम्बियों में राष्ट्र की दृष्टि से कोई भेद नहीं देखते। उनका विश्वास था की ‘ हिंदुस्तान में चाहे जिस धर्म के आदमी रह सकते … Read More

Language: देश की सामर्थ्य के लिए चाहिए भाषाओं का पोषण: गिरीश्वर मिश्र

भाषा (Language) मनुष्य जीवन की अनिवार्यता है और वह न केवल सत्य को प्रस्तुत करती है बल्कि उसे रचती भी है I वह इतनी सघनता के साथ जीवन में घुलमिल … Read More

Professor Durganand Sinha: संस्कृति-संवाद के आग्रही मनोविज्ञानी प्रोफ़ेसर दुर्गानन्द सिन्हा (1922-1997)

विविध विचार-प्रणालियाँ, जो अलग-अलग राह पर चलने वाली हैं, यहाँ तक कि जो परस्परविरोधी भी लगती हैं उन्हें भी विचार में पूरी प्रामाणिकता के साथ जगह दी । परंतु जब … Read More