संस्कृत है जीवन-संजीवनी !
यानी भाषा मूर्त और अमूर्त के भेद को पाटती है और हमारे अस्तित्व को विस्तृत करती है. आँख की तरह भाषा हमें एक नया जगत दृश्यमान उपलब्ध कराती है. इसके … Read More
यानी भाषा मूर्त और अमूर्त के भेद को पाटती है और हमारे अस्तित्व को विस्तृत करती है. आँख की तरह भाषा हमें एक नया जगत दृश्यमान उपलब्ध कराती है. इसके … Read More
महात्मा गांधी के रचनात्मक कार्यक्रम में समाज के बहुमुखी और समावेशी विकास के लिए प्रतिबद्धता थी ताकि विदेशी शासन की लूट और मानसिक गुलामी से पार पाया जा सके और … Read More
~~जन्म जयंती पर विशेष~~ Munshi Premchand: बनारस के लमही गाँव में पैदा हुए , पले बढे धनपत राय का लेखक प्रेमचंद में रूपांतरण भारतीय साहित्य जगत की एक विशिष्ट उपलब्धि … Read More
Guru Purnima: निर्गुण संत परम्परा के काव्य में गुरु की महिमा पर विशेष ध्यान दिया गया है और शिष्य या साधक के उन्नयन में उसकी भूमिका को बड़े आदर से … Read More
भारत में सिनेमा के सवा सौ साल होने के अवसर पर भारत में सिनेमा की यात्रा के पड़ाव Indian cineam: आज सिनेमा ज्ञान, चेतना और सामाजिक जागरूकता, मूल्य बोध, परवरिश … Read More
कबीर जयन्ती (Kabir Jayanti) Kabir Jayanti: आज जब सत्य और अस्तित्व के प्रश्न नित्य नए-नए विमर्शों में उलझते जा रहे हैं और जीवन की परिस्थितियाँ विषम होती जा रही हैं … Read More
इस संयोग से मुक्ति पाना आवश्यक है. प्रकृति में गुणों की प्रधानता से गुणों के बीच द्वंद्व होता है. यह अविद्या से उपजता है और मनुष्य को दुःख की अनुभूति … Read More
Covid epidemic: रूसी टीका स्पुतनिक वी भी शीघ्र ही भारत में बनने लगेगा. ही विदेश की माडर्ना , फाइजर जैसी कम्पिनियों से भी बात चल रही है. भारत की जनसंख्या … Read More
Buddha purnima: गहन विश्लेषण से भगवान बुद्ध को मनुष्य में नाम (मानसिक) और रूप (भौतिक) ये दो तत्व दिखे . उन्होंने इनकी विशेषताओं की भी पहचान की और अंतत : … Read More
fight for life: आज कोविड-संक्रमण के नित्य नए-नए रूप भी आ रहे हैं संक्रमण के माध्यम के बारे में जो जानकारी मिल रही है उससे पता चलता है कि अब … Read More