something is burning inside me: मेरे भीतर कुछ तो जल रहा है कही…

मेरे भीतर कुछ तो जल रहा है कहीकोई लावा है जो पिघल रहा है कही। सपनों की अर्थियां जल चुकी लेकिनइस राख में कुछ सुलग रहा है कही। फिर पीछे … Read More

Munshi Premchand: प्रेमचन्द का भारत-बोध: गिरीश्वर मिश्र

~~जन्म जयंती पर विशेष~~ Munshi Premchand: बनारस के लमही गाँव में पैदा हुए , पले बढे धनपत राय का लेखक प्रेमचंद में रूपांतरण भारतीय साहित्य जगत की एक विशिष्ट उपलब्धि … Read More

Live the memories: आज सोचा क्यों कुछ लिखा जाये ?? सोचता हूँ आज यादों को ही जिया जाये.

इनमे से तो बहुत ऐसे लोग होते हैं जो शायद दोबारा नहीं मिल पाते हैं .लेकिन कहीं ना कहीं दिल के कोने में (Live the memories) घर सा कर जाते … Read More

 शून्य का प्रवास

    लघुकथा पत्नी बुधिया और पति रामू एक टूटी खाट पर पड़े आपस में बतिया रहे थे।  “बुधिया, सेठ का फोन आया है। फैक्टरी में काम वापस शुरू हो रहा है। … Read More