something is burning inside me: मेरे भीतर कुछ तो जल रहा है कही…
मेरे भीतर कुछ तो जल रहा है कहीकोई लावा है जो पिघल रहा है कही। सपनों की अर्थियां जल चुकी लेकिनइस राख में कुछ सुलग रहा है कही। फिर पीछे … Read More
मेरे भीतर कुछ तो जल रहा है कहीकोई लावा है जो पिघल रहा है कही। सपनों की अर्थियां जल चुकी लेकिनइस राख में कुछ सुलग रहा है कही। फिर पीछे … Read More
~~जन्म जयंती पर विशेष~~ Munshi Premchand: बनारस के लमही गाँव में पैदा हुए , पले बढे धनपत राय का लेखक प्रेमचंद में रूपांतरण भारतीय साहित्य जगत की एक विशिष्ट उपलब्धि … Read More
इनमे से तो बहुत ऐसे लोग होते हैं जो शायद दोबारा नहीं मिल पाते हैं .लेकिन कहीं ना कहीं दिल के कोने में (Live the memories) घर सा कर जाते … Read More
लघुकथा पत्नी बुधिया और पति रामू एक टूटी खाट पर पड़े आपस में बतिया रहे थे। “बुधिया, सेठ का फोन आया है। फैक्टरी में काम वापस शुरू हो रहा है। … Read More