Buddha Purnima: जीवन सत्य का धर्म
पूजा और प्रशस्ति के बीच बुद्ध की प्रखर चिंतन प्रक्रिया ओझल या सरलीकृत हो जाती है । उनकी चिंतन प्रक्रिया कोरे वाग्विलास की जगह व्यावहारिक समाधान की ओर उन्मुख थी। … Read More
पूजा और प्रशस्ति के बीच बुद्ध की प्रखर चिंतन प्रक्रिया ओझल या सरलीकृत हो जाती है । उनकी चिंतन प्रक्रिया कोरे वाग्विलास की जगह व्यावहारिक समाधान की ओर उन्मुख थी। … Read More
Buddha Purnima: हम सभी अच्छी तरह जीना चाहते हैं परन्तु दिन प्रतिदिन की उपलब्धियों का हिसाब लगाते हुए संतुष्टि नहीं होती है । दिन बीतने पर खोने पाने के बारे … Read More
Buddha purnima: गहन विश्लेषण से भगवान बुद्ध को मनुष्य में नाम (मानसिक) और रूप (भौतिक) ये दो तत्व दिखे . उन्होंने इनकी विशेषताओं की भी पहचान की और अंतत : … Read More