अभी मासूम है मासूमियत जिंदा रहने दो
ग़ज़ल जो सूरज की मानिंद जलना सीख जाएगावो हर अंधेरे से निकलना सीख जाएगा। न कोई हाथ पकड़ो न कोई सहारा दो उसेवो खुद गिरकर संभलना सीख जाएगा। अभी मासूम … Read More
ग़ज़ल जो सूरज की मानिंद जलना सीख जाएगावो हर अंधेरे से निकलना सीख जाएगा। न कोई हाथ पकड़ो न कोई सहारा दो उसेवो खुद गिरकर संभलना सीख जाएगा। अभी मासूम … Read More
गज़ल चाहे दबा हुआ है लाख परतों तलेपर होता हर मन मे वैराग का मोह। घर की दीवारें कारावास की तरहछोड़ता कहा है अनुराग का मोह। ऐसे कैसे सौप दू … Read More
काव्य आकाश के फेफड़ो में धुंआ भरती चिमनियाधरती के आँचल को अनवरत सोखते ट्यूबवेल।1। नदियों को जार जार करता बजरी खननसमंदर को मारता केमिकल और प्लास्टिक।2। खाद्यान्न में अत्यधिक घुलता … Read More
नन्ही सी हथेली मेंमुट्ठी भर सपने लिएहम भी आगे बढ़ेंगे पढ़ लिख कर केलिखेंगे हमारे अरमानभरेंगे सपनो की उड़ानहम भी आगे बढ़ेंगे चल उड़ पंछीकभी इस डाल कभी उस पातलगा … Read More
काव्य कंटीले नुकीलेकांटेदार केक्टस ही केक्टसहै चहुँ ओर। खरपतवार ने कर लिया हैकब्जा पूरे बगीचे पर।लहूलुहान तितलियांलाचार,बेबसढूंढ रही हैसुरक्षित आश्रय।आओ !हम सब मिलकरउखाड़ फेके इसअनचाही खरपतवार को,और बनाये एक ऐसागुलशन … Read More
काव्य मेरे भी कई ख़्वाब थे,हम भी किसी घर के आफ़ताब थे,बिना घी के सही हमारी माँ के हाथ के व्यंजन लाजवाब थे,साइकल के टायर और लकड़ी पर हमारे भी … Read More
काव्य हम इकट्ठा कर लें चाहे जितने दौलत के पहाड़।सामने रहते हैं फिर भी कुछ ज़रूरत के पहाड़। पार कर लो एक को तो दूसरा तैयार हैक्या पता आएँगे कितने … Read More
काम आती है हमारे उम्र भर मिट्टी।कह दिया बेकार चीज़ों को मगर मिट्टी। बीज पौधा बन सके ये है बड़ा मुश्किलहै नहीं चारों तरफ़ उसके अगर मिट्टी। जान है इसमें … Read More
मित्र!मित्र …इस दुनिया में सबसे विचित्र,इनसे ना छुपे मन का कोई भी चित्र ।१। ना गुण मिलान-ना ख़ून के रिश्तेदार,फिर भी सबसे अलग-सबसे जुदा इनका किरदार!इनसे बतियाने का नही होता … Read More
बहन की ताकत बीवी का प्यार, पिता की शान, बच्चों का दुलार काफी था,लेकिन एक नशा चढ़ा मुझे और, आँख खुली तो पहुँचा लाहौर।। शक्ल, लिवाज़ के बारे में क्या … Read More