प्यासी है दिल की नदिया, सागर में इसे सामने दो !!
ख्वाब नए लहराने दो !
सबके दिल पर छाने दो !!
आँखों में एहसास भरो !
प्यासे को पैमाने दो !!
तन्हा – तन्हा रहते क्यों !
महफ़िल में दीवाने दो !!
उसके इश्क़ की रंगत में !
मुझको अब शर्माने दो !!
प्यासी है दिल की नदिया !
सागर में इसे सामने दो !!
कितने मौसम गुजर गए !
अब गीत मिलन के गाने दो !!
आ जाती हैं खुशियाँ भी !
जब मिलते हैं परवाने दो !!
चाँद ज़मीं पर उतरा है !
अब इश्क़ जरा फ़रमाने दो !!
………….उपासना “शिवम”
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