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Geeta Foundation: नई शिक्षा नीति के तहत दिब्यांगो मे जगी रोशनी की किरण: डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा

Geeta Foundation: दिव्यांग जनों के उत्थान हेतु समर्पित है डॉ राम मूर्ति प्रशिक्षण संस्थान

  • रोजगार परक है नई शिक्षा नीति : अंबरीश सिंह भोला
  • लगभग 1 लाख 75 हज़ार दिव्यागों को, डॉक्टर राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा गीता फाऊंडेशन ने प्रदान किया ट्राई साइकिल और स्ट्रीक,
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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 01 अप्रैल
: Geeta Foundation: दिव्यांग जनों के सर्वांगीण विकास हेतु समर्पित डॉ राम मूर्ति मिश्रा प्रशिक्षण संस्थान के तत्वावधान मे संगोष्ठी संपन्न हुई. भोजूबीर स्थित ‘स्याही प्रकाशन’ के सभागार में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि भाजपा के वरिष्ठ नेता अंबरीश सिंह भोला थे. संगोष्ठी मे वक्ताओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति मे दिव्यांग जनों के उत्थान पर महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किये .

इस अवसर पर परिचर्चा , प्रशिक्षण एवं साहित्यिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ एवं मुख्य अतिथि भाजपा के वरिष्ठ नेता अम्बरीश सिंह भोला रहे। सारस्वत अतिथियों में प्रमुख रूप से डॉक्टर एम.पी. सिंह, डॉक्टर एन. बी. सिंह, डॉक्टर शुभ्रा वर्मा नाट्य अनुभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, साहित्यकार प्रियम्बदा सिंह रहीं. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉक्टर डी. आर. विश्वकर्मा पूर्व जिला विकास अधिकारी रहे. संचालन डॉ लियाकत अली जलज और सुनील सेठ ने किया। कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा ने की.

कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित करके किया गया. मां सरस्वती की वंदना राम नरेश पाल ने प्रस्तुत किया. अतिथियों का स्वागत भारत डिजिटल लाइब्रेरी के संस्थापक अभिषेक उपाध्याय और प्रवीण मिश्रा ने किया. इस अवसर पर मुख्य अतिथि अम्बरीश सिंह भोला ने कहा कि विकसित भारत हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक महत्वपूर्ण कदम है. नई शिक्षा नीति मे रोजगार की असीम संभावनाएं हैँ.

भोला ने आगे कहा कि रोजगार परक नई शिक्षा नीति से युवाओं का भविष्य उज्जवल होगा. इस शिक्षा नीति से भारत में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैँ. छात्र छात्राओं में जागरूकता आई है। युवाओं को रोजगार प्रदान करने में बहुत कारगर सिद्ध होंगी नई शिक्षा नीति. आपने डॉ राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा प्रशिक्षण संस्थान में अध्ययन कर रहे दिव्यांगों की शिक्षण और प्रशिक्षण कार्यक्रम की सराहना किया.

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डॉक्टर राम प्रसाद मूर्ति मिश्रा गीता फाउंडेशन द्वारा संचालित तीन संस्थानों पर प्रकाश डालते हुए निदेशक डॉ ज्योति भूषण मिश्रा ने कहा कि फाउंडेशन के तहत करियर क्लासेस स्कूल विद्यालय तथा डॉ राममूर्ति प्रसाद प्रशिक्षण संस्थान डी एड कॉलेज एवं डॉक्टर राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा संस्कृत कॉलेज की स्थापना की गई। डॉ ज्योति ने कहा कि संस्थान के द्वारा लगभग 175000 दिव्यांगों को लाभान्वित की गई है. जापान से प्रशिक्षित डॉक्टर मिश्रा ने कहा कि 2011 से 2017 तक जापान मे शिक्षा प्राप्त करके, शिक्षा जगत में उल्लेखनीय कार्य किये जा रहे हैँ. 6 वर्षों में तीन शिक्षण संस्थानों की स्थापना की गई. दिव्यांगों को प्रत्येक वर्ष ट्राई साइकिल, स्टिक, ईयर फोन निशुल्क प्रदान की जाती है. नई शिक्षा नीति से दिव्यांगो में नई रोशनी की किरण आई है. अतिथियों ने अपने संबोधन मे दिव्यांगों की शिक्षा पर प्रकाश डाला.

अध्यक्षता कर रहे ‘स्याही प्रकाशन’ के संस्थापक पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ ने कहा कि सरकार शिक्षा में जो तब्दीली कर रही है उससे भारत देश के युवाओं में अपनी प्रतिभा को निखारने में सहजता बढ़ी है. डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा ने दिव्यांगों के शिक्षा के लिए अथक प्रयास किया है हम सब उनके कार्यों की सराहना करते हैं. हम और हमारा उद्धार उनके लिए हमेशा हर कार्य के लिए यथाशक्ति समर्पित है।

इस अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी में आमंत्रित कवि गण और कवित्रियों ने अपनी स्वरचित रचना प्रस्तुत की. श्रोताओं के करतल ध्वनि से सभागार गुंजित होता रहा. अंत मे कवियों और कवित्रियों को सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया. आमंत्रित कवियों में डॉक्टर लियाकत अली जलज, डा. अनिल सिन्हा बहुमुखी, प्रीति जायसवाल, प्रियंका अग्निहोत्री, सुनील सेठ, शिब्बी. ममगाईं माधुरी, शिवदास अनपढ़, कवि उमेश, ओम प्रकाश मिर्जापुरी, मिथिलेश कुमार, जी एस. पटेल, अर्चना त्रिपाठी, आशिक कुमार आशिक, अच्छेलाल वर्मा, टीकाराम शर्मा आचार्य, खुशी मिश्रा, अंजली मिश्रा, राम नरेश पाल, अलियार प्रधान, तेेजबली अनपढ़, राजेन्द्र प्रसाद गुप्त बावरा, कलामुद्दीन कलाम, शायर शमीम गाजीपुरी, डॉक्टर प्रियंका तिवारी, सुषमा मिश्रा, माधुरी मिश्रा, उमेश कुमार, अभिषेक दूबे, आनन्द पाल, सीमा शर्मा, राजीव प्रसाद, सन्ध्या मौर्या, अजीत यादव, चन्द्रभूषण सिंह, मनीष श्रीवास्तव मोनू, पं0 धीरज दीक्षित, हिमांशु कश्यप, कैलाश नाथ यादव, अचला पाण्डेय, आदि प्रमुख रहे. धन्यवाद प्रकाश साहित्यकार प्रकाशानंद ने किया.

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