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free ration without ration card: बग़ैर राशन कार्ड वालों को केजरीवाल सरकार ने दी बड़ी राहत, मिलता रहेगा मुफ़्त राशन

free ration without ration card: दिल्ली कैबिनेट के इस निर्णय से दिल्ली में करीब 40 लाख गैर पीडीएस लाभार्थी होंगे लाभांवित

  • कैबिनेट ने गैर पीडीएस लाभार्थियों के लिए खाद्यान्न खरीदने, वितरण और परिवहन के लिए 48.12448 करोड़ रुपए की दी मंजूरी

नई दिल्ली, 05 अक्टूबर: free ration without ration card: केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में रह रहे आर्थिक रूप से कमजोर उन जरूरतमंदों को बड़ी राहत दी है, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। ऐसे जरूरतमंद लोगों को आगे भी मुफ्त राशन मिलता रहेगा। दिल्ली सरकार ने कोरोना के दौरान लॉकडाउन के चलने प्रभावित हुए प्रवासी श्रमिकों, असंगठित श्रमिकों, भवन निर्माण श्रमिकों, घरेलू नौकरों आदि, जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन जरूरतमंदों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से 25 मई 2021 को मुफ्त राशन देने का निर्णय लिया था।

इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज संपन्न कैबिनेट की बैठक में इसे आगे जारी रखने निर्णय लिया गया है। कैबिनेट के इस फैसले से दिल्ली में करीब 40 लाख गैर-पीडीएस लाभार्थी लाभांवित होंगे। कैबिनेट ने खाद्यान्न खरीदने, वितरण और परिवहन के लिए 48.12448 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में आज दिल्ली सचिवालय में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कोविड-19 महामारी के जारी रहने तक गैर पीडीएस लाभार्थियों को, प्रवासी कामगारों और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आगे भी मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा गया, जिसे कैबिनेट ने सर्व सम्मति से मंजूरी प्रदान कर दी।

कैबिनेट में प्रस्ताव रखा गया कि कोविड-19 के दौरान लगाए गए लॉकडाउन के दौरान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, (free ration without ration card) जिसमें विशेष रूप से जिनके पास राशन कार्ड नहीं है। इसमें प्रवासी श्रमिक, असंगठित श्रमिक, भवन और निर्माण श्रमिक, घरेलू नौकर आदि शामिल हैं। दिल्ली कैबिनेट 25 मई .2021 ऐसे जरूरतमंद लोगों को मुफ्त सूखा राशन (खाद्यान्न) देने का निर्णय लिया था।

एनएफएस अधिनियम 2013 के तहत निर्धारित पात्रता के अनुसार, प्रवासी श्रमिकों, असंगठित श्रमिकों, निर्माण श्रमिकों, घरेलू सहायिका सहित जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन जरूरतमंद लोगों को 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त (free ration without ration card) दिया गया। इसके तहत प्रति व्यक्ति प्रति माह 4 किलो गेहूं और एक किलो चावल शामिल है। कैबिनेट के इस फैसले से दिल्ली में रह रहे करीब 20 लाख लोग लाभांवित हुए और अब लाभार्थियों की संख्या में काफी इजाफा हो गया है। इसके अलावा, एनएफएसए के तहत नियमित आवंटन के तहत 72.78 लाख पीडीएस लाभार्थियों को मुफ्त में खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।

दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री के अनुमोदन से विभाग द्वारा दिनांक 27 मई 2021 को कोविड-19 के मद्देनजर उपरोक्त राशन के वितरण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। इसके लिए भारतीय खाद्य निगम से खाद्यान्न की खरीद की गई और दिल्ली में 282 चिंहित वितरण केंद्रों, शिक्षा विभाग के स्कूलों, तीनों नगर निगमों और एनडीएमसी के जरिए जरूरतमंद लोगों को 5 जून 2021 से वितरित किया जा रहा है।

लाभार्थियों को राशन वितरित करने का कार्य सौंपे गए स्कूल अधिकारियों को दिल्ली रिलीफ नामक सॉफ्टवेयर लिंक के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्रदान किया गया है। वहीं, अब दिल्ली में रह रहे गैर पीडीएस लाभार्थियों की संख्या बढ़ कर करीब 40 लाख हो गई है। दिल्ली कैबिनेट में दिल्ली में रह रहे इन 40 लाख गैर-पीडीएस लाभार्थियों को भी पीडीएस लाभार्थियों की तरह खाद्यान्न उपलब्ध कराने और खरीदने का प्रस्ताव रखा गया। कैबिनेट ने निर्णय लिया कि प्रवासी श्रमिकों, असंगठित श्रमिकों, भवन और निर्माण श्रमिकों, घरेलू सहायिकाओं सहित जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन जरूरतमंद लोगों को आगे भी मुफ्त राशन मिलता रहेगा।

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अभी लाभार्थियों को खाद्यान्न का वितरण शिक्षा विभाग के चिंहित 282 विद्यालयों और तीन नगर निगमों और एनडीएमसी से किया जा रहा है। लेकिन आने वाले दिनों में पड़ोसी राज्यों और दिल्ली में भी स्कूल खुलने की संभावना है। इसको देखते हुए स्कूलों में खाद्यान्न वितरण में दिक्कत आ सकती है। इसलिए स्कूल खोलने के बाद लाभार्थियों को खाद्यान्न वितरण के लिए एक वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की जा रही है।

वहीं, राशन के लिए दिल्ली सरकार-राशन ई-कूपन-कोरोना राहत https:///staff-ration-jantasamvad.org/ration/staff/home‘   पर जाकर पंजीकरण कियाा सकता है। राशन वितरण के दौरान सुरक्षा और कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कराने के लिए प्रति वितरण केंद्र पर चार सिविल डिफेंस कर्मचारी तैनात रहेंगे। शुरूआत यह अनुमान लगाया गया है कि लगभग 100 वितरण केंद्रों की आवश्यकता होगी। एक केंद्र प्रति सर्कल और 30 अतिरिक्त केंद्र उन क्षेत्रों में खोले गए हैं, जहां प्रवासी मजदूर रहते हैं। इन अतिरिक्त 30 केंद्रों को लोगों की मांग के अनुसार चालू किया जाएगा।

दिल्ली में गैर-पीडीएस अनाज को लक्षित लाभार्थियों को चिंहित स्थान या स्कूल के माध्यम से वितरित किया जाएगा। दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में 100 स्थानों को चिंहित किया है। दिल्ली सरकार को 40 लाख गैर पीडीएस लाभार्थियों को निशुल्क राशन उपलब्ध कराने के लिए करीब करीब 16 हजार मीट्रिक टन गेहूं और 4 हजार मीट्रिक टन चावल की जरूरत होगी। दिल्ली सरकार यह राशन भारतीय खाद्य निगम से खरीदेगी।

दिल्ली कैबिनेट ने आज इसके बजट को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके लिए कुल 48.12448 करोड़ रुपए बजट को मंजूरी दी गई है। इसमें 42.40 करोड़ रुपए अनाज की खरीद पर खर्च की जाएगी। परिवहन पर करीब 2.096 करोड़ रुपए खर्च किया जाएगा। जबकि सिविल डिफेंस कर्मचारियों को 3.62848 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने राशन कार्ड का कोटा खत्म होने पर गैर पीडीएस वालों को मुफ्त राशन देने की घोषणा की थी

दिल्ली में करीब 72 लाख राशन कार्ड धारक हैं। केंद्र सरकार ने हर राज्य का एक कोटा तय किया हुआ है कि किस राज्य में कितने राशन कार्ड धारक होंगे। इसलिए दिल्ली में नए राशन कार्ड अभी नहीं बन सकते हैं। जबकि दिल्ली में कई ऐसे लोग हैं, जो गरीब है, लेकिन उनका कार्ड नहीं बन पाया, क्योंकि दिल्ली का राशन का कोटा खत्म हो गया है।

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मुख्यमंत्री ने मई महीने में निर्णय लिया था कि जिनके पास राशन कार्ड नहीं है, उन लोगों को भी दिल्ली सरकार राशन देगी। जो लोग भी कहेंगे कि हम गरीब हैं, हमें राशन चाहिए, उन लोगों को राशन दिया जाएगा। इसमें 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल शामिल है। पिछले साल भी जब पहली लहर आई थी, तब मुख्यमंत्री के निर्देश पर खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने गैर पीडीएस वालों को राशन दिया था। इस राशन प्राप्त करने के लिए कोई आय प्रमाण पत्र देने की जरूरत नहीं होगी।

दिल्ली में रह रहे जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं, जिनमें असंगठित कामगार, प्रवासी कामगार, घरेलू सहायिका व भवन निर्माण में काम करने वाले श्रमिक आदि दिल्ली सरकार की इस राहत भरी पहल के तहत खाद्यान्न प्राप्त करने के पात्र हैं। दिल्ली सरकार ने एफसीआई से उच्च गुणवत्ता का खाद्यान्न लिया है। गैर-पीडीएस राशन के वितरण के लिए चिन्हित किए गए प्रत्येक स्कूल को पंजीकरण करने, वितरण का रिकॉर्ड रखने और साइट पर प्राप्त स्टॉक को सिस्टम में दर्ज करने के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड दिया गया है।

दिल्ली में, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत, पीआर और पीआरएस श्रेणी में एनएफएस लाभार्थियों को हर महीने पांच किलो खाद्यान्न प्रदान किया जाता है, जिसमें 4 किलो गेहूं और 1 किलो चावल शामिल हैं। एएवाई श्रेणी के तहत नियमित रूप से 25 किलोग्राम गेहूं, 10 किलो चावल और एक किलो चीनी प्रति परिवार है। एनएफएस योजना के अंतर्गत गेहूं 2 रुपए प्रति किलो, चावल 3 रुपए प्रति किलो और चीनी 13.50 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से दिया जाता है।