जो दिखाई देते हैं संकीर्णता के पक्ष में, ऐसे लोगों से नहीं मैं मित्रता के पक्ष में।
जो दिखाई देते हैं संकीर्णता के पक्ष में।ऐसे लोगों से नहीं मैं मित्रता के पक्ष में। ज़हर था बातों में उनकी जानते थे सब मगरआ गए कुछ लोग उनकी धृष्टता … Read More
जो दिखाई देते हैं संकीर्णता के पक्ष में।ऐसे लोगों से नहीं मैं मित्रता के पक्ष में। ज़हर था बातों में उनकी जानते थे सब मगरआ गए कुछ लोग उनकी धृष्टता … Read More
मातृत्व प्रेम मातृत्व प्रेम से बढ़कर ना देखाअनमोल बंधन इस जगत में हमनेना करना कभी अपमान इनकाजो जननी हमारी,करती हमसे निस्वार्थ प्रेम , हर डगर, हर मुश्किलों में देती साथहमारी … Read More
અનંત પટેલની કલમે.. કોરોના વાયરસને લીધે જે મહામારી સમગ્ર વિશ્વમાં ઉભી થઇ તે ઉભી જ ન થાત તો દુનિયા કેવી હોત આવો માણીએ. લેખક: અનંત પટેલની કલમે… — પતિદેવોને ખબર … Read More
ख्वाब नए लहराने दो !सबके दिल पर छाने दो !! आँखों में एहसास भरो !प्यासे को पैमाने दो !! तन्हा – तन्हा रहते क्यों !महफ़िल में दीवाने दो !! उसके … Read More
आ शीशा ए दिल तोड़ के जाने के लिए आ !तू मुझसे ख़फ़ा है तो जमाने के लिए आ !! इल्ज़ाम मेरे सर तेरी रुसवाई का आया !दुनिया का भरम … Read More
रास्ता मुश्किल है आसान नहीं हैरुक जाना भी तो समाधान नही है। दर्द थकान पसीना पैरों में जलनकिसी भी शै से वो परेशान नही है। दोराहो चौराहों के असमंजस भी … Read More
मिली न मुस्कान हमे सौगात की !कद्र उनको नही मेरे जज्बात की ! हम उनके ख्यालों में खोए रहे !गुज़रती रही रात नगमात की ! सरकता रहा वक़्त पल-पल यहाँ … Read More
जब से फेसबुक तैयार हो गयी हैतब से जिंदगी इश्तेहार हो गईं है लड़के बेचारे लाइक्स को तरसेलड़कियों पर भरमार हो गयी है अब हर रोज लिखते है वॉल परकलम … Read More
ग़ज़ल जो सूरज की मानिंद जलना सीख जाएगावो हर अंधेरे से निकलना सीख जाएगा। न कोई हाथ पकड़ो न कोई सहारा दो उसेवो खुद गिरकर संभलना सीख जाएगा। अभी मासूम … Read More
काव्य आकाश के फेफड़ो में धुंआ भरती चिमनियाधरती के आँचल को अनवरत सोखते ट्यूबवेल।1। नदियों को जार जार करता बजरी खननसमंदर को मारता केमिकल और प्लास्टिक।2। खाद्यान्न में अत्यधिक घुलता … Read More