Mobile friend

तू मुझे लाइक कर….. दोस्ती भी अब व्यापार हो गईं है

Dilip Bachani
डॉ दिलीप बच्चानी
पाली मारवाड़, राजस्थान

जब से फेसबुक तैयार हो गयी है
तब से जिंदगी इश्तेहार हो गईं है

लड़के बेचारे लाइक्स को तरसे
लड़कियों पर भरमार हो गयी है

अब हर रोज लिखते है वॉल पर
कलम बेचारी बेकार हो गयी है

Mobile friend

यहाँ सब सच कहा दिखता है
अफवाहों का बाजार हो गईं है

तू मुझे लाइक कर मैं तुझे करू
दोस्ती भी अब व्यापार हो गईं है

परिवार तो बट चुके टुकड़ो में
फेसबुक ही परिवार हो गई है

*******

whatsapp banner 1

हमें पूर्ण विश्वास है कि हमारे पाठक अपनी स्वरचित रचनाएँ ही इस काव्य कॉलम में प्रकाशित करने के लिए भेजते है। अपनी रचना हमें ई-मेल करें. writeus@deshkiaawaz.in