The mind: शरीर की उम्र बरसो में मापते है, पर मन का भी क्या कोई पैमाना होता है: डॉ दिलीप बच्चानी

~~गजल~~ शरीर की उम्र बरसो में मापते है परमन का भी क्या कोई पैमाना होता है। ये जिस तजुर्बे की बात करते है लोगवो दिमाग है जो काफ़ी सयाना होता … Read More

तू मुझे लाइक कर….. दोस्ती भी अब व्यापार हो गईं है

जब से फेसबुक तैयार हो गयी हैतब से जिंदगी इश्तेहार हो गईं है लड़के बेचारे लाइक्स को तरसेलड़कियों पर भरमार हो गयी है अब हर रोज लिखते है वॉल परकलम … Read More

मेरे चेहरे पर खुशी उसे मंजूर ही नही

गज़ल चाहे दबा हुआ है लाख परतों तलेपर होता हर मन मे वैराग का मोह। घर की दीवारें कारावास की तरहछोड़ता कहा है अनुराग का मोह। ऐसे कैसे सौप दू … Read More

गुलशन जहाँ सभी के लिए हो

काव्य कंटीले नुकीलेकांटेदार केक्टस ही केक्टसहै चहुँ ओर। खरपतवार ने कर लिया हैकब्जा पूरे बगीचे पर।लहूलुहान तितलियांलाचार,बेबसढूंढ रही हैसुरक्षित आश्रय।आओ !हम सब मिलकरउखाड़ फेके इसअनचाही खरपतवार को,और बनाये एक ऐसागुलशन … Read More