The mind: शरीर की उम्र बरसो में मापते है, पर मन का भी क्या कोई पैमाना होता है: डॉ दिलीप बच्चानी

~~गजल~~ शरीर की उम्र बरसो में मापते है परमन का भी क्या कोई पैमाना होता है। ये जिस तजुर्बे की बात करते है लोगवो दिमाग है जो काफ़ी सयाना होता … Read More

मेरे चेहरे पर खुशी उसे मंजूर ही नही

गज़ल चाहे दबा हुआ है लाख परतों तलेपर होता हर मन मे वैराग का मोह। घर की दीवारें कारावास की तरहछोड़ता कहा है अनुराग का मोह। ऐसे कैसे सौप दू … Read More