हम इकट्ठा कर लें चाहे जितने दौलत के पहाड़….
काव्य हम इकट्ठा कर लें चाहे जितने दौलत के पहाड़।सामने रहते हैं फिर भी कुछ ज़रूरत के पहाड़। पार कर लो एक को तो दूसरा तैयार हैक्या पता आएँगे कितने … Read More
काव्य हम इकट्ठा कर लें चाहे जितने दौलत के पहाड़।सामने रहते हैं फिर भी कुछ ज़रूरत के पहाड़। पार कर लो एक को तो दूसरा तैयार हैक्या पता आएँगे कितने … Read More
काम आती है हमारे उम्र भर मिट्टी।कह दिया बेकार चीज़ों को मगर मिट्टी। बीज पौधा बन सके ये है बड़ा मुश्किलहै नहीं चारों तरफ़ उसके अगर मिट्टी। जान है इसमें … Read More
मित्र!मित्र …इस दुनिया में सबसे विचित्र,इनसे ना छुपे मन का कोई भी चित्र ।१। ना गुण मिलान-ना ख़ून के रिश्तेदार,फिर भी सबसे अलग-सबसे जुदा इनका किरदार!इनसे बतियाने का नही होता … Read More
बहन की ताकत बीवी का प्यार, पिता की शान, बच्चों का दुलार काफी था,लेकिन एक नशा चढ़ा मुझे और, आँख खुली तो पहुँचा लाहौर।। शक्ल, लिवाज़ के बारे में क्या … Read More
काव्यांजलि.. है नमन तुझको ऐ भारत माता, है नमन तुझको ऐ भारत माता, हे भारत भाग्य विधाता,यहाँ माँ को मुकम्मल नही होता एक सपूतपर तेरी कोख़ को मुसलसल कोई मतवाला … Read More
था कभी यह आर्यवर्त..था कभी यह आर्यवर्त..श्री राम-कृष्ण-शंकराचार्य और विवेकानंद सबने यहीं जाना धर्म का मर्म।सप्त ऋषियों का भी हुआ यहीं जन्म,गुरु गोविंद सिंह ने भी लिया यहीं प्रण,स्वामी बुद्ध-महावीर … Read More