Sawan ki phuar: सावन की फुआर⛈️🌧🌧: ममता कुशवाहा

सावन की फुआर (Sawan ki phuar) बरस रही है बेजोर
लगता है आज तृप्त करके ही मानेगी
ये मौसम की रुत जो
लिए हुए प्यार भरी खुमारी,
और बरस रही ही घुमड़ -घुमड़
जैसे प्रेम पाश भरी आलिंगन में
हो रही हो तृप्त……
ये धरती इस मतवाली बदरिया से,
जिसे देख देख झूम उठी प्रकृति नभ में
और बहने लगी व्यार, होले होले
जैसे भर रही हो आहे लजवंति ,
देख बरखा रानी को
लो सावन की फुआर बरस रही है बेजोर।

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