गुलशन जहाँ सभी के लिए हो

काव्य कंटीले नुकीलेकांटेदार केक्टस ही केक्टसहै चहुँ ओर। खरपतवार ने कर लिया हैकब्जा पूरे बगीचे पर।लहूलुहान तितलियांलाचार,बेबसढूंढ रही हैसुरक्षित आश्रय।आओ !हम सब मिलकरउखाड़ फेके इसअनचाही खरपतवार को,और बनाये एक ऐसागुलशन … Read More

बाल श्रम में लिप्त किए जा रहे बच्चों की ज़बानी

काव्य मेरे भी कई ख़्वाब थे,हम भी किसी घर के आफ़ताब थे,बिना घी के सही हमारी माँ के हाथ के व्यंजन लाजवाब थे,साइकल के टायर और लकड़ी पर हमारे भी … Read More

हम इकट्ठा कर लें चाहे जितने दौलत के पहाड़….

काव्य हम इकट्ठा कर लें चाहे जितने दौलत के पहाड़।सामने रहते हैं फिर भी कुछ ज़रूरत के पहाड़। पार कर लो एक को तो दूसरा तैयार हैक्या पता आएँगे कितने … Read More

काम आती है हमारे उम्र भर ” मिट्टी “

काम आती है हमारे उम्र भर मिट्टी।कह दिया बेकार चीज़ों को मगर मिट्टी। बीज पौधा बन सके ये है बड़ा मुश्किलहै नहीं चारों तरफ़ उसके अगर मिट्टी। जान है इसमें … Read More

बनाते चलो मित्र…बनाते चलो मित्र..!

मित्र!मित्र …इस दुनिया में सबसे विचित्र,इनसे ना छुपे मन का कोई भी चित्र ।१। ना गुण मिलान-ना ख़ून के रिश्तेदार,फिर भी सबसे अलग-सबसे जुदा इनका किरदार!इनसे बतियाने का नही होता … Read More

वो निगाहें जो तरस गई थी प्यार को

बहन की ताकत बीवी का प्यार, पिता की शान, बच्चों का दुलार काफी था,लेकिन एक नशा चढ़ा मुझे और, आँख खुली तो पहुँचा लाहौर।। शक्ल, लिवाज़ के बारे में क्या … Read More

“है नमन तुझको ऐ भारत माता” भारतीय सेना के वीर सपूतों को समर्पित

काव्यांजलि.. है नमन तुझको ऐ भारत माता, है नमन तुझको ऐ भारत माता, हे भारत भाग्य विधाता,यहाँ माँ को मुकम्मल नही होता एक सपूतपर तेरी कोख़ को मुसलसल कोई मतवाला … Read More

था कभी यह आर्यवर्त.. था कभी यह आर्यवर्त..

था कभी यह आर्यवर्त..था कभी यह आर्यवर्त..श्री राम-कृष्ण-शंकराचार्य और विवेकानंद सबने यहीं जाना धर्म का मर्म।सप्त ऋषियों का भी हुआ यहीं जन्म,गुरु गोविंद सिंह ने भी लिया यहीं प्रण,स्वामी बुद्ध-महावीर … Read More