मां बाप के बुढापे की लाठी…..
नन्ही सी हथेली मेंमुट्ठी भर सपने लिएहम भी आगे बढ़ेंगे पढ़ लिख कर केलिखेंगे हमारे अरमानभरेंगे सपनो की उड़ानहम भी आगे बढ़ेंगे चल उड़ पंछीकभी इस डाल कभी उस पातलगा … Read More
नन्ही सी हथेली मेंमुट्ठी भर सपने लिएहम भी आगे बढ़ेंगे पढ़ लिख कर केलिखेंगे हमारे अरमानभरेंगे सपनो की उड़ानहम भी आगे बढ़ेंगे चल उड़ पंछीकभी इस डाल कभी उस पातलगा … Read More
काव्य कंटीले नुकीलेकांटेदार केक्टस ही केक्टसहै चहुँ ओर। खरपतवार ने कर लिया हैकब्जा पूरे बगीचे पर।लहूलुहान तितलियांलाचार,बेबसढूंढ रही हैसुरक्षित आश्रय।आओ !हम सब मिलकरउखाड़ फेके इसअनचाही खरपतवार को,और बनाये एक ऐसागुलशन … Read More
काव्य मेरे भी कई ख़्वाब थे,हम भी किसी घर के आफ़ताब थे,बिना घी के सही हमारी माँ के हाथ के व्यंजन लाजवाब थे,साइकल के टायर और लकड़ी पर हमारे भी … Read More
काव्य हम इकट्ठा कर लें चाहे जितने दौलत के पहाड़।सामने रहते हैं फिर भी कुछ ज़रूरत के पहाड़। पार कर लो एक को तो दूसरा तैयार हैक्या पता आएँगे कितने … Read More
काम आती है हमारे उम्र भर मिट्टी।कह दिया बेकार चीज़ों को मगर मिट्टी। बीज पौधा बन सके ये है बड़ा मुश्किलहै नहीं चारों तरफ़ उसके अगर मिट्टी। जान है इसमें … Read More
मित्र!मित्र …इस दुनिया में सबसे विचित्र,इनसे ना छुपे मन का कोई भी चित्र ।१। ना गुण मिलान-ना ख़ून के रिश्तेदार,फिर भी सबसे अलग-सबसे जुदा इनका किरदार!इनसे बतियाने का नही होता … Read More
बहन की ताकत बीवी का प्यार, पिता की शान, बच्चों का दुलार काफी था,लेकिन एक नशा चढ़ा मुझे और, आँख खुली तो पहुँचा लाहौर।। शक्ल, लिवाज़ के बारे में क्या … Read More
काव्यांजलि.. है नमन तुझको ऐ भारत माता, है नमन तुझको ऐ भारत माता, हे भारत भाग्य विधाता,यहाँ माँ को मुकम्मल नही होता एक सपूतपर तेरी कोख़ को मुसलसल कोई मतवाला … Read More
था कभी यह आर्यवर्त..था कभी यह आर्यवर्त..श्री राम-कृष्ण-शंकराचार्य और विवेकानंद सबने यहीं जाना धर्म का मर्म।सप्त ऋषियों का भी हुआ यहीं जन्म,गुरु गोविंद सिंह ने भी लिया यहीं प्रण,स्वामी बुद्ध-महावीर … Read More