“है नमन तुझको ऐ भारत माता” भारतीय सेना के वीर सपूतों को समर्पित
काव्यांजलि..
है नमन तुझको ऐ भारत माता,
है नमन तुझको ऐ भारत माता,
हे भारत भाग्य विधाता,
यहाँ माँ को मुकम्मल नही होता एक सपूत
पर तेरी कोख़ को मुसलसल कोई मतवाला रोशन कर जाता।
है नमन तुझको ऐ भारत माता,
है नमन तुझको ऐ भारत माता।१।
जिस दौर में हर कम्प्यूटर वीर योद्धा हो जाता,
बिन लांघे चौखट बर्गर खाकर दुश्मन को परास्त कर जाता,
उस दौर में भी अपने मसलआ छोड़ कर,
अपने वासिते छोड़कर कोई परवाना तेरे लिए चला आता।
है नमन तुझको ऐ भारत माता,
है नमन तुझको ऐ भारत माता।२।
जहां भाई-भाई को नही भाता,
लक्ष्मी की वासना में हर रिश्ते को कुचला जाता,
वहाँ बिना इश्तियाक़ के तेरे आँचल का कफ़न पाने को,
खून के तिलक की आराईश किए कोई दिवाना चला आता।
है नमन तुझको ऐ भारत माता,
है नमन तुझको ऐ भारत माता।३।
जो कोई आसिम तेरी ओर आँख उठा जाता,
तेरे दिवाने-मतवाले-परवाने का खून उबल जाता,
चाहे हों बलवान,या हो अस्त्र-शस्त्र से आरास्ता इंसान
वीरगति को प्राप्त होकर भी दुश्मन का सीना छलनी कर जाता!
है नमन तुझको ऐ भारत माता,
है नमन तुझको ऐ भारत माता।४।
तुझे मिले है ऐसे ऐसे वीर हे माता,
जल-थल-नभ सब में तेरा वर्चस्व कायम रह जाता,
चाहे हो कारगिल, चाहे अक्साई या हो २६/११
भारत की सेना की अचल-अविरल-अपराजित है यह गाथा,
जिसको शब्दों में यह ‘नादान’ कैसे लिख पाता!
है धन्य! है धन्य! ऐ भारत माता,
है नमन तुझको ऐ भारत माता,
है नमन तुझको ऐ भारत माता,
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