Arvind Kejriwal

Vaccine formula: केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माता दोनों कंपनियों से फार्मूला लेकर सक्षम कंपनियों को दे, जिससे भारत में वैक्सीन का उत्पादन बढाया जा सके

Vaccine formula: वैक्सीन किल्लत पर केजरीवाल फार्मूला, केवल दो कंपनी से पूरे देश को वैक्सीन देना संभव नहीं, वैक्सीन का फार्मूला अन्य कंपनियों से साझा कर मुनाफे का कुछ अंश दोनों कंपनियों को दिया जाए- अरविंद केजरीवाल

  • भारत में अन्य कई कंपनियों को वैक्सीन बनाने की इजाजत दी जाए और यद्ध स्तर पर वैक्सीन का उत्पादन कर हर भारतीय को वैक्सीन दी जाए- अरविंद केजरीवाल
  • केंद्र सरकार के पास शक्ति है, वह दोनों कंपनियों से वैक्सीन बनाने का फार्मूला (vaccine formula)लेकर उन कंपनियों को दे सकती है, जो वैक्सीन बनाने में सक्षम हैं- अरविंद केजरीवाल
  • भारत में अभी सिर्फ दो कंपनियां ही वैक्सीन बना रही हैं, जो महीने में 6-7 करोड़ वैक्सीन ही बनाती हैं- अरविंद केजरीवाल
  • कम उत्पादन के चलते देश के हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाने में दो साल लग जाएंगे, तब तक तो कई लहर आ जाएगी और काफी बर्बादी हो जाएगी- अरविंद केजरीवाल
  • भारत में बेहतरीन उद्यमी, फार्मा कंपनियां और वैज्ञानिक हैं, अगर उन्हें अवसर दिया गया, तो वे अपना पूरा सहयोग देंगे- अरविंद केजरीवाल
  • देेश के हर नागरिक को कुछ महीने में वैक्सीन लगाने के लिए एक राष्ट्रीय योजना बनाई जाए, तभी हम अगली लहर से पहले सभी को सुरक्षा कवच दे पाएंगे- अरविंद केजरीवाल
  • दिल्ली समेत पूरे देश में वैक्सीन की भारी कमी है, इसलिए कुछ राज्यों में अभी तक वैक्सीनेशन भी शुरू नहीं हो सका है- अरविंद केजरीवाल
  • कोरोना की पहली लहर में पीपीई किट की भी किल्लत हुई थी, लेकिन आज कई कंपनियां पीपीई किट बना रही हैं और हम किसी पर निर्भर नहीं हैं- अरविंद केजरीवाल
  • दिल्ली में वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में उत्साह है, वैक्सीनेशन में लगे सभी स्कूल स्टाफ और फ्रंटलाइन वर्कर्स का धन्यवाद- अरविंद केजरीवाल

रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली
नई दिल्‍ली, 11 मई:
Vaccine formula: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश भर में वैक्सीन की हो रही किल्लत पर सुझाव देते हुए कहा कि केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माता दोनों कंपनियों से फार्मूला लेकर सक्षम कंपनियों दे, जिससे कि भारत में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जा सके। केवल दो कंपनी से पूरे देश को वैक्सीन देना संभव नहीं है। भारत में अन्य कई कंपनियों को वैक्सीन बनाने की इजाजत दी जाए और वैक्सीन का फार्मूला उन कंपनियों से साझा कर मुनाफे का कुछ अंश दोनों कंपनियों को दिया जाए। अभी भारत में सिर्फ दो कंपनियां ही वैक्सीन बना रही हैं, जो महीने में 6-7 करोड़ वैक्सीन ही बनाती हैं। इस तरह तो देश के हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाने में दो साल लग जाएंगे, तब तक तो कई लहर आ जाएगी और काफी बर्बादी हो जाएगी। भारत में बेहतरीन उद्यमी, फार्मा कंपनियां और वैज्ञानिक हैं, अगर उन्हें अवसर दिया गया, तो वे अपना पूरा सहयोग देंगे। देेश के हर नागरिक को कुछ महीने में वैक्सीन लगाने के लिए एक राष्ट्रीय योजना बनाई जाए, तभी हम अगली लहर से पहले सभी को सुरक्षा कवच दे पाएंगे।

हमने पिछले कुछ दिनों में आईसीयू और ऑक्सीजन के खूब बेड बढ़ाएं हैं, अब दिल्ली में आईसीयू और ऑक्सीजन के बेड की कमी नहीं है- अरविंद केजरीवाल

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में चल रहे वैक्सीनेशन (Vaccine formula) को लेकर आज एक महत्वपूर्ण प्रेस काॅन्फ्रेंस की। सीएम ने कहा कि हमने पिछले कुछ दिनों में ऑक्सीजन के बेड खूब बढ़ाएं। कल ही जीटीबी हॉस्पिटल के सामने 500 नए आईसीयू के बेड चालू किए हैं। अब दिल्ली में आईसीयू और ऑक्सीजन के बेड की कमी नहीं है। दिल्ली में वैक्सीनेशन पूरे जोर-शोर से चालू हो गया है। लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर खूब उत्साह है, मैंने खुद देखा है। दिल्ली सरकार के जिन स्कूलों में वैक्सीनेशन हो रहा है, मैं उनमें से कई स्कूलों में गया और लोगों से बात की। लोग बहुत खुश हैं और अच्छे से अपना वैक्सीनेशन करवा रहे हैं। मैं अपने स्कूल स्टाफ और फ्रंटलाइन वर्कर्स का धन्यवाद करना चाहता हूं, जो वैक्सीनेशन में लगे हुए हैं।
दिल्ली समेत पूरे देश में वैक्सीन की भारी कमी है, इसलिए कुछ राज्यों में अभी तक वैक्सीनेशन शुरू भी नहीं हो सका है- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी हम सवा लाख रोज वैक्सीन लगा रहे हैं। इसको जल्दी हम रोज 3 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाना शुरु कर देंगे। हमारा लक्ष्य है कि आने वाले तीन महीने में सभी दिल्ली निवासियों को वैक्सीन लगा दिया जाए। लेकिन इसमें एक बड़ी समस्या आ रही है, वह है वैक्सीन की कमी की। दिल्ली में हमारे पास अब केवल कुछ दिन की ही वैक्सीन बची है और यह समस्या देशव्यापी है। पूरे देश में इस वक्त वैक्सीन की भारी कमी हो रही है। कुछ राज्य तो ऐसे हैं, जहां वैक्सीन न होने के कारण अभी तक वहां वैक्सीनेशन शायद शुरू भी नहीं हो पाया है। वैक्सीन की कमी देश के सामने इस वक्त बहुत बड़ी चुनौती बन गई है।

यह भी पढ़े…..Bear: शहद की तलाश में नीलगिरी के पेड़ पर चढ़ा भालू, कभी न देखा हो ऐसा वीडियो

आज केवल दो कंपनियां वैक्सीन बना रही हैं। यह दोनों कंपनियां मिल कर महीने में केवल 5-7 करोड़ वैक्सीन ही बनाती हैं। इस तरह, तो हमें देश के हर व्यक्ति को वैक्सीन लगाने में दो साल से ज्यादा समय लग जाएगा। तब तक तो कोविड-19 की पता नहीं कितनी लहरें आ जाएंगी और कितनी बर्बादी हो जाएगी? इसलिए जरूरी है कि हम भारत में वैक्सीन का उत्पादन युद्ध स्तर पर बढ़ाएं और देश के हर नागरिक को अगले कुछ महीने में वैक्सीन लगाने की राष्ट्रीय योजना बनाएं। जब तक हर भारतीय को वैक्सीन नहीं लगती है, तब तक यह जंग जीती नहीं जा सकती।

केंद्र सरकार वैक्सीन बनाने का फार्मूला (Vaccine formula) सार्वजनिक कर उन कंपनियों को दे सकती है, जो वैक्सीन बनाना चाहती हैं – अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं आज एक सुझाव देना चाहता हूं। वैक्सीन बनाने का काम केवल दो कंपनियां न करें, बल्कि कई और कंपनियों को वैक्सीन बनाने में लगाया जाए। केंद्र सरकार इन दोनों कंपनियों से वैक्सीन बनाने का फार्मूला (Vaccine formula) ले ले और उन सभी कंपनियों को दे दे, जो सुरक्षित तरीके से वैक्सीन बना सकती हैं। ऐसे कठिन समय में केंद्र सरकार के पास शक्ति है कि वह यह कर सकती है। वैक्सीन बनाने का फार्मूला (vaccine formula)सार्वजनिक करके उन कंपनियों को दे सकती है, जो वैक्सीन बनाना चाहती हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि भारत में जो भी प्लांट वैक्सीन बनाने में सक्षम हैं, उन सब में वैक्सीन का उत्पादन होना चाहिए और हर भारतवासी को वैक्सीन लगनी चाहिए। यही एक तरीका है, जिसके द्वारा हम जल्दी से जल्दी सभी भारतीयों को वैक्सीन लगा पाएंगे।

Whatsapp Join Banner Eng

कोरोना की पहली लहर में पीपीई किट की भी किल्लत हुई थी, आज कई कंपनियां पीपीई किट बना रही हैं और हम किसी पर निर्भर नहीं हैं- अरविंद केजरीवाल

सीएम अरविंद केजरीवाल ने वैक्सीन की तरह ही पीपीई किट की हुई किल्लत का उदाहरण देते हुए कहा कि आपको याद होगा, जब देश में कोरोना की पहली लहरा आई थी, तब हमारे देश में पीपीई किट की कितनी किल्लत थी, पीपीई किट लेने के लिए कितना संघर्ष करना पड़ता था? जरा सोचिए कि अगर उस उस समय केवल दो कंपनियों को पीपीई किट बनाने का अधिकार होता, तो क्या आज देश में पीपीई किट मिलते, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज कई भारतीय कंपनियां पीपीई किट बना रही हैं। इसलिए हम आज किसी और पर पीपीई किट के लिए निर्भर नहीं हैं। भारत में बेहतरीन इंडस्ट्रियलिस्ट हैं। हमारे पास दुनिया की सबसे बड़ी फार्मा कंपनियां हैं।

हमारे पास विश्व के सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक हैं। मैं निश्चित तौर पर यह कह सकता हूं कि यदि उन्हें अवसर दिया गया, तो वे अपना भरपूर सहयोग देंगे। वैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनियों के लाभ का एक अंश हम रॉयल्टी के रूप में उन दोनों कंपनियों को दे सकते हैं, जिन्होंने मूल फार्मूले की खोज की है। मुझे पूरा विश्वास है कि इस तरह हम अगली कोरोना की लहर के पहले भारत के हर नागरिक को सुरक्षा कवच प्रदान कर पाएंगे। मेरा केवल एक ही मकसद है कि किस तरह हम सब मिलकर हर भारतीय को कोरोना से बचा पाएं।

ADVT Dental Titanium