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Ayushman card: आयुष्मान पखवाड़े में बने 10,367 गोल्डन कार्ड

ayushman card: 1377 आयुष्मान कार्ड के लाभार्थियों का इलाज कर फ़ातिमा अस्पताल हुआ प्रथम जिलाधिकारी मऊ, अमित सिंह बंशल ने दिया प्रशस्तिपत्र

मऊ, 20 अगस्त: ayushman card: आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना से आच्छादित परिवारों को प्रतिवर्ष प्रति परिवार रू 5 लाख तक के निःशुल्क उपचार की सुविधा अनुमन्य है। योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु प्रत्येक पात्र लाभार्थी के पास आयुष्मान कार्ड या इस योजना में पंजीकृत होना अनिवार्य है। वहीं इस योजना के अंतर्गत 4,958 गोल्डेन कार्डधारी जिले में और जनपद से बाहर लगभग 4.65 करोड़ रुपये का निःशुल्क इलाज लाभ ले चुके हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्याम नरायन दुबे ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य जनपद के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा देना है। जनपद में इस पखवाड़े में 10,367 गोल्डेन कार्ड बने हैं साथ ही जिले में आयुष्मान कार्डधारियों (ayushman card) को सबसे ज्यादा चिकित्सा का लाभ देने में प्रथम स्थान पर आये फातिमा अस्पताल को जिलाधिकारी मऊ अमित सिंह बंशल द्वारा प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित भी किया गया। दूसरे स्थान पर शारदा नारायण हॉस्पिटल तथा तीसरे स्थान पर राहुल हॉस्पिटल रहे।

डॉ श्याम नरायन दुबे ने बताया कि आयुष्मान भारत (ayushman card) योजना कमजोर वर्ग के लोगों को निःशुल्क उपचार के लिये सालाना पांच लाख रूपये तक की बीमा कवरेज मुहैया कराती है। यह दुनिया की सबसे बड़ी और पूरी तरह से सरकार के खर्च पर चलने वाली स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसमें 1000 से ज्यादा कैंसर और दिल की बीमारी जैसी कई गंभीर बीमारियों के लिए प्रदेश के करीब 2900 सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है।

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जिस पात्र लाभार्थी के पास आयुष्मान कार्ड है वह छोटी से लेकर बड़ी बीमारियों तक का इलाज अस्पताल में भर्ती होकर करवा सकते हैं । बीमारी की स्थिति में सभी मेडिकल जांच, ऑपरेशन, इलाज व दवा का खर्च इसके तहत अनुमन्य होता है। अगर कोई व्यक्ति कार्ड बनने से पहले से बीमार है तो भी उसका इलाज इस योजना के अंतर्गत होता है।

आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वक (डीपीसी) डॉ पीएन दुबे ने बताया कि जिले में पिछली जनगणना के निमित्त कुल लगभग 6 लाख लाभार्थी परिवार इसके लिये पंजीकृत हैं जिसमें लगभग 1,67,545 लाख लोगों ने ही अब तक गोल्डेन कार्ड बनवाया है।

मैटरनल हेल्थ और सी-सेक्शन या उच्च जोखिम प्रसव की सुविधा, के साथ इन बीमारियों में नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, कैंसर, टीबी, कीमोथेरपी, रेडिएशन थेरेपी, हार्ट बाईपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी, एमआरआई, सीटी स्कैन, दिल की बीमारी, किडनी, लीवर, डायबीटीज, कोरोनरी बायपास, घुटना प्रत्यारोपण, स्टेंट डालना, आंख, नाक, कान और गले से संबंधित बीमारी आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अस्पताल में एडमिट होने से पहले व बाद के खर्च भी इस हेल्थ बीमा में आच्छादित किए जा रहे हैं।

डिस्ट्रिक ग्रेवांश मैनेजर सुजीत सिंह ने बताया कि आयुष्मान भारत (ayushman card) का लाभ लेने के लिए प्रत्येक पंजीकृत परिवार के हर सदस्यों को  केवाईसी  कराकर आयुष्मान कार्ड बनवाना होगा। जिन परिवारों ने अभी तक आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है, वह अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर व जिला अस्पताल, महिला अस्पताल पर जाकर केवाईसी करवाकर आयुष्मान कार्ड जारी करा लें।

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