Love Letter: लिखे जो खत तुझे, तेरी याद में; यादों को समेटे यह खत कहीं आपका तो नहीं …
सुनो प्रिय,
Love Letter: क्या तुम्हें याद है वह किताब और गुलाब जो दिय था वेलेंटाइन वीक शुरू होने के पूर्व संध्या यानी 6 फरवरी को देखो ये वक्त का पहिया कितने तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है पर वो एहसास आज भी ताजा है वो शाम आज भी उतना ही खास है जितना उस वक़्त खास था,पर यादों में । करीब 7 साल पहले की बात है होगी उन दिनों जब हम कालेज में थे । और हमारी आज की(6 फरवरी) ही शाम आखिरी मुलाकात हुई थी, क्योंकि समाज की दकियानूसी सोच के आगे हम विवश थे हमारे प्रेम को ये समाज कभी नहीं अपनाता और शायद इस वजह से भी हमनें अपना मंजिल एक ना चुनकर अलग-अलग चुन लिया , ये आसान नहीं था उस वक़्त खुद को समझना ।अगले ही दिन(7 फरवरी) तुम्हें अपने सपनों का एक नयी उड़ान भरने के लिए सरकारी दफ्तर से चिठ्ठी लेकर विदेश के लिए रवाना होना था । इसलिए हमने ही तय किया था कैरियर बनाने के जदोजहन में हमारा प्रेम प्रसंग रूकावट बनना नहीं चाहिए यू कहें कुछ हालात की बेबसी हमारा साथ वही तक का था और कुछ इस तरह हमनें खुद बिछड़ने का फैसला ले लिया ।
खैर बीती बातें किसी खंजर से कम नहीं होती क्योंकि वह बीतें पल बीतें एहसास बहुत कुछ यादें ताजा कर देती है कभी चहेरे पर खुशीयां बिखेर देती है तो कभी आंसू की धारा बन चेहरे पर मायूसी की बादल छा देती है पर मुझे हमारे साथ बिताये समय में से हमारी आखिरी मुलाकात बहुत याद आती है आशा है तुम्हें भी आती होगी । क्योंकि उस वक़्त दोनों ही निशब्द थे बस उस क्षण को रोक लेने की चाह थी एक -दूसरे के गले लग पूरी जीवन भर के लिए प्यार के स्पर्श को एहसास कर लेना एक क्षण में ।घंटो बीत गए और अंतिम में उस पल एक -दूसरे को हौसला दे रहे थे खुद को संभालने का और मौसम भी मेहरबान था हमपर हल्की- हल्की ठंडी हवा का झोंका के साथ बारिश की फुआर मानों बादल भी बिछड़ रहा था गगन से , बारीश तेज होने के पहले हम एक -दूसरे को अलविदा कह चुके थे । लिखने के लिए बहुत बातें हैं अगले खत में लवस्टोरी वाले किताब के बारे जरूर बताऊंगी जो तुमने आखिरी तोफा दिया था। ✍️तुम्हारी प्रियतमा (खत कैसी लगी जरूर बताए , तभी प्रेमपत्र वाले किताब के बारे में जिक्र करूंगी, कृप्या निजी जीवन से जोड़ने की कोशिश ना करे)
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