Marriage

Daughters: आज बेटे को बेचकर खुश है,कल तेरी बेटियों की बारी है: वाजिद हुसैन ” साहिल”

Daughters, wajid hussain
वाजिद हुसैन ” साहिल” सेंधवा जिला बड़वानी (मध्य प्रदेश)

बात कड़वी है, पर करारी है
लोग हल्के, डिमांड भारी है

बाप ने लख्त दे दिया दिल का
फिर भी लोगो कि हिर्स जारी है

तू दहेज़ मांगता है पर सुन ले
सच तो ये है के तू भिकारी है

आज बेटे को बेचकर खुश है
कल तेरी बेटियों (Daughters) की बारी है

जब तलक बेटियां विदा ना हो
बाप पर ज़ीस्त जैसे भारी है

एक बेटी का बाप ही जाने
बाप होना भी जिम्मेदारी है

जिनके घर में जवान बेटी है
उनकी नींदों से जंग जारी है

बात हक है तो बोल दे “साहिल”
कुछ तो तेरी भी जिम्मेदारी है

~~वाजिद हुसैन ” साहिल”~~

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*हमें पूर्ण विश्वास है कि हमारे पाठक अपनी स्वरचित रचनाएँ ही इस काव्य कॉलम में प्रकाशित करने के लिए भेजते है।
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