किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में उठाए गए कदम हैं कृषि अधिनियम : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में उठाए गए कदम हैं कृषि अधिनियम : कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर देश भर के किसान उत्पादक संगठनों … Read More

કેન્દ્રીય કૃષિબિલના વિરોધમાં પ્રદેશના નેતાઓ સહિત સંગઠન પ્રભારી રાજીવ સાતવ પણ ધરણામાં જોડાયા

ગાંધીનગર, ૦૬ ડિસેમ્બર:bસત્યાગ્રહ છાવણીએ કોંગ્રેસના ધરણા.. કેન્દ્રીય કૃષિબિલના વિરોધમાં ધરણાનું આયોજન.. પ્રદેશના નેતાઓ સહિત સંગઠન પ્રભારી રાજીવ સાતવ પણ ધરણામાં જોડાયા. કૃષિબિલની જોગવાઈઓને નાબૂદ કરવાની માંગણી.. ૮/૧૨ ના ભારત બંધમાં … Read More

गुजरात से किसानों का एक समूह दिल्ली पहुँचा कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहा है।

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर … Read More

नए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं: प्रधानमंत्री मोदी

दिल्ली, 29 नवम्बर: भारत मे खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे है। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो माँग थी, जिन मांगो को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वायदा किया था, वो मांगे पूरी हुई हैं। काफ़ी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरुप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुये हैं , बल्कि उन्हें नये अधिकार भी मिले हैं, नये अवसर भी मिले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र के धुले ज़िले के किसान, जितेन्द्र भोइजी ने, नये कृषि कानूनों का इस्तेमाल कैसे किया, ये आपको भी जानना चाहिये। जितेन्द्र भोइजी ने मक्के की खेती की थी और सही दामों के लिए उसे व्यापारियों को बेचना तय किया। फसल की कुल कीमत तय हुई करीब तीन लाख बत्तीस हज़ार रूपये। जितेन्द्र भोइ को पच्चीस हज़ार रूपये एडवांस भी मिल गए थे। तय ये हुआ था कि बाकी का पैसा उन्हें पन्द्रह दिन में चुका दिया जायेगा। लेकिन बाद में परिस्थितियां ऐसी बनी कि उन्हें बाकी का पेमेन्ट नहीं मिला। किसान से फसल खरीद लो, महीनों – महीनों पेमेन्ट न करो, संभवतः मक्का खरीदने वाले बरसों से चली आ रही उसी परंपरा को निभा रहे थे। इसी तरह चार महीने तक जितेन्द्र जी का पेमेन्ट नहीं हुआ। इस स्थिति में उनकी मदद की सितम्बर मे जो पास हुए हैं, जो नए कृषि क़ानून बने हैं – वो उनके काम आये। इस क़ानून में ये तय किया गया है, कि फसल खरीदने के तीन दिन में ही, किसान को पूरा पेमेन्ट करना पड़ता है और अगर पेमेन्ट नहीं होता है, तो, किसान शिकायत दर्ज कर सकता है। कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस क़ानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एस.डी.एम(SDM) को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा। अब, जब, ऐसे कानून की ताकत हमारे किसान भाई के पास थी, तो, उनकी समस्या का समाधान तो होना ही था, उन्होंने शिकायत की और चंद ही दिन में उनका बकाया चुका दिया गया। यानि कि कानून की सही और पूरी जानकारी ही जितेन्द्र जी की ताकत बनी। क्षेत्र कोई भी हो, हर तरह के भ्रम और अफवाहों से दूर, सही जानकारी, हर व्यक्ति के लिए बहुत बड़ा सम्बल होती है। किसानों में जागरूकता बढ़ाने का ऐसा ही एक काम कर रहे हैं, राजस्थान के बारां जिले में रहने वाले मोहम्मद असलम जी । ये एक किसान उत्पादक संघ के CEO भी हैं। जी हाँ, आपने सही सुना, किसान उत्पादक संघ के CEO । उम्मीद है, बड़ी बड़ी कम्पनियों के CEOs को ये सुनकर अच्छा लगेगा कि अब देश के दूर दराज वाले इलाको में काम कर रहे किसान संगठनों मे भी CEOs होने लगे हैं, तो साथियो, मोहम्मद असलम जी ने अपने क्षेत्र के अनेकों किसानों को मिलाकर एक WhatsApp group बना लिया है। इस group पर वो हर रोज़, आस-पास की मंडियो में क्या भाव चल रहा है, इसकी जानकारी किसानों को देते हैं। खुद उनका FPO भी किसानों से फ़सल खरीदता है, इसलिए, उनके इस प्रयास से किसानों को निर्णय लेने में मदद मिलती है। साथियो, जागरूकता है, तो, जीवंतता है। अपनी जागरूकता से हजारों लोगों का जीवन प्रभावित करने वाले एक कृषि उद्यमी श्री वीरेन्द्र यादव जी हैं। वीरेन्द्र यादव जी, कभी ऑस्ट्रेलिया में रहा करते थे। दो साल पहले ही वो भारत आए और अब हरियाणा के कैथल में रहते हैं। दूसरे लोगों की तरह ही, खेती में पराली उनके सामने भी एक बड़ी समस्या थी। इसके solution के लिए बहुत व्यापक स्तर पर काम हो रहा है, लेकिन, आज, ‘मन की बात’ में, मैं, वीरेन्द्र जी को विशेष तौर पर जिक्र इसलिए कर रहा हूँ, क्योंकि, उनके प्रयास अलग हैं, एक नई दिशा दिखाते हैं। पराली का समाधान करने के लिए वीरेन्द्र जी ने, पुआल की गांठ बनाने वाली straw baler मशीन खरीदी। इसके लिए उन्हें कृषि विभाग से आर्थिक मदद भी मिली। इस मशीन से उन्होंने पराली के गठठे बनाने शुरू कर दिया। गठठे बनाने के बाद उन्होंने पराली को Agro Energy Plant और paper mill को बेच दिया। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि वीरेन्द्र जी ने पराली से सिर्फ दो साल में डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार किया है, और उसमें भी, लगभग 50 लाख रुपये मुनाफा कमाया है। इसका फ़ायदा उन किसानों को भी हो रहा है, जिनके खेतों से वीरेन्द्र जी पराली उठाते हैं। हमने कचरे से कंचन की बात तो बहुत सुनी है, लेकिन, पराली का निपटारा करके, पैसा और पुण्य कमाने का ये अनोखा उदाहरण है। मेरा नौजवानों, विशेषकर कृषि की पढ़ाई कर रहे लाखों विद्यार्थियों से आग्रह है, कि, वो अपने आस-पास के गावों में जाकर किसानों को आधुनिक कृषि के बारे में, हाल में हुए कृषि सुधारो के बारे में, जागरूक करें। ऐसा करके आप देश में हो रहे बड़े बदलाव के सहभागी बनेंगे।

नए कृषि सुधारों से सुदूरवर्ती, दूर-दराज और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले भारतीय किसानों का जीवन यापन आसान होगा

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह  ने कहा, नए कृषि सुधारों से सुदूरवर्ती, दूर-दराज और पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले भारतीय किसानों का जीवन यापन आसान होगा 08 OCT 2020 by … Read More

“बिचौलियों के चक्रव्यूह” को चकनाचूर करने और भरपूर कीमत देने की गारंटी हैं कृषि सुधार विधेयक: मुख्तार अब्बास नकवी

“बिचौलियों के चक्रव्यूह” को चकनाचूर करने और “किसानों की मेहनत” की भरपूर कीमत देने की गारंटी हैं कृषि सुधार विधेयक: मुख्तार अब्बास नकवी देशभर में एमएसपी की व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी और इसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा: मुख्तार अब्बास नकवी 04 OCT 2020 by PIB Delhi केंद्रीय मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज ग्राम हुरहुरी, मीरगंज, बरेली और ग्राम धनैली उत्तरी, मिलक, रामपुर, … Read More

किसानों की यह कैसी लड़ाई जिसे किसानों का ही समर्थन नहीं ?

ऐसा पहली बार नहीं है कि सरकार द्वारा लाए गए किसी कानून का विरोध कांग्रेस देश की सड़कों पर कर रही है। विपक्ष का ताजा विरोध वर्तमान सरकार द्वारा किसानों से संबंधित … Read More

अनावश्यक नहीं है किसानों की चिंता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने प्रधानमंत्रित्व काल के शुरुआती दिनों से ही किसानों की बदहाल अवस्था को लेकर चिंतित है और पिछले कुछ समय में नियमित अंतराल पर वह अपने संबोधनों … Read More

કેન્દ્રની મોદી સરકાર ખેતી અને હિન્દુસ્તાનને બરબાદ કરી રહી છે : શ્રી પરેશ ધાનાણી

ખેડૂતોના સમર્થનમાં અને કેન્દ્ર સરકારના કાળા કાયદાના વિરોધમાં ગાંધીનગર ખાતે ‘ન્યાયકૂચ’ માં મોટી સંખ્યામાં કોંગ્રેસપક્ષના કાર્યકરો, આગેવાનો અને ખેડૂત સંગઠનના પ્રતિનિધિઓ ઊમટી પડ્યા. ગાંધીનગર ખાતે યોજાયેલ ‘ન્યાયકૂચ’ માં ગુજરાત પ્રદેશ … Read More