Varanasi

Sunthi Effective in Corona Virus: रसोई में मौजूद इस चीज से रोके कोरोना, अध्ययन में हुआ खुलासा…

Sunthi Effective in Corona Virus: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, आईआईटी-बीएचयू तथा गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किये गए अध्ययन में दावा

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 31 अगस्त: Sunthi Effective in Corona Virus: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, आईआईटी-बीएचयू तथा गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किये गए अध्ययन में दावा किया गया है कि सुंठी (सूखी अदरक का पाउडर) अथवा Z.officinale कोविड19 के प्रबंधन में प्रभावी साबित (Sunthi Effective in Corona Virus) हो सकता है। अध्ययन के अनुसार सुठी का इस्तेमाल कोविड19 के प्रसार को रोकने में कारगर है।

अध्ययनकर्ताओं की टीम में वैद्य सुशील कुमार दुबे (आयुर्वेद संकाय, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू), डॉ. विश्वंभर सिंह, डॉ. यामिनी भूषण त्रिपाठी, डॉ. रामेश्वर नाथ चौरसिया, डॉ. परमेश्वरप्पा एस ब्याडगी, डॉ. नम्रता जोशी, डॉ. तेज बाली सिंह, अमित कुमार, अनामिका यादव (आईएमएस बीएचयू से), डॉ. राजीव मिश्रा (बीज्ञान संस्थान, बीएचयू), ऐश्वर्या जायसवाल (मनोविज्ञान विभाग, बीएचयू), डॉ. सुनील कुमार मिश्रा (आईआईटी बीएचयू), तथा डॉ. हितेश जानी (गुजरात आयुर्वेद विश्वविद्यालय) शामिल हैं।

इस संबंध में वैद्य सुशील कुमार दुबे ने बताया कि, यह अपनी तरह का पहला अंतर-विषययी अध्ययन है, जो कोरोना वायरस के संबंध में उच्चतम महत्व की औषधि (सुंठी) के आयुर्वेदिक संश्लेषण की चिकित्सकीय सुरक्षा और प्रभावकारिता पर प्रारंभिक प्रमाण प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि वाराणसी में सरकार द्वारा संचालित कोविड19 अस्पतालों में भर्ती कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों के घर के सदस्यों और स्वास्थ्यकर्मियों (डॉक्टर, नर्स, वार्ड बॉय, पैरामेडिक) समेत 800 से अधिक प्रतिभागियों पर यह अध्ययन किया गया।

वैद्य सुशील दुबे ने कहा कि, इस अध्ययन के लिए वाराणसी के तत्कालीन जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा (वर्तमान कमिश्नर वाराणसी) द्वारा सहयोग उपलब्ध कराया गया। इस अध्ययन में बहु-केंद्रीय, नॉन-रैंडमाइज्ड, ओपन-लेबल, सिंगल-आर्म, प्री-पोस्ट डिजाइन का उपयोग किया गया।

प्रतिभागियों ने 15 दिनों तक सुंठी पाउडर का चार बार रोज़ाना सेवन किया, दो बार मौखिक रूप से (2 ग्राम) और दो बार नासिका द्वारा (0.5 ग्राम) लिया। उनका 15, 30 और 90 दिनों के बाद अध्ययन किया गया। इसके अलावा, फाइटोकेमिकल विश्लेषण में लिक्विड क्रोमाटोग्राफी को मास स्पेक्ट्रोमेट्री (LC-MS) के साथ जोड़कर किया गया।

नतीजों से यह स्थापित हो पाया कि अदरक में वे फाइटोकेमिकल्स होते हैं जो COVID-19 के प्रसार को रोकने में मदद करते हैं, और इसका आयुर्वेदिक संश्लेषण COVID-19 के लक्षणों व प्रसार को कम करने में मददगार हैं।

इस अध्ययन के नतीजे जर्नल ऑफ हर्बल मेडिसिन में प्रकाशित हुए हैं, जो ब्रिटेन में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल हर्बलिस्ट्स की औपचारिक पत्रिका है। NIMH ब्रिटेन में हर्बल चिकित्सकों का अग्रणी पेशेवर संगठन है। वैद्य सुशील दुबे के अनुसार यह अध्ययन, अब तक इस प्रतिष्ठित पत्रिका में प्रकाशित भारत के मात्र दो COVID-19 संबंधित चिकित्सा अध्ययनों में से एक है।

अध्ययनकर्ताओं का सुझाव है कि सम्पूर्ण विश्व में सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के COVID-19 निवारण और प्रबंधन प्रोटोकॉल में सूखी अदरक को शामिल करना संक्रमण के ख़तरे की जद में आने वाले लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सुरक्षित, प्रभावी, तुरंत लागू करने योग्य, और लागत-कुशल तरीका हो सकता है।

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