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Maharashtra gov ended the age-old widow system: महाराष्ट्र सरकार ने विधवाओं के लिए वर्षों पुरानी रूढ़िवादी परंपराओं को समाप्त करने की घोषणा

Maharashtra gov ended the age-old widow system: महाराष्ट्र में वर्षो पुरानी विधवा प्रथा को किया खत्म, पति की मृत्यु के बाद कंगन तोड़ना, सिंदूर पोंछना और मंगलसूत्र को हटाना अनिवार्य नहीं

मुंबई, 18 मई: Maharashtra gov ended the age-old widow system: महाराष्ट्र सरकार ने विधवाओं के लिए वर्षों पुरानी रूढ़िवादी परंपराओं को समाप्त करने की घोषणा करके एक सकारात्मक कदम उठाया है। इनमें पति की मृत्यु के बाद कंगन तोड़ना, सिंदूर पोंछना और मंगलसूत्र को हटाना जैसी सख्त प्रथाएं शामिल हैं। राज्य सरकार ने कोल्हापुर की हेरवाड़ ग्राम पंचायत का उत्कृष्ट उदाहरण लेकर इस निर्णय को पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है.

इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से एक सर्कुलर भी जारी किया गया है। सर्कुलर में राज्य की हर ग्राम पंचायत को विधवापन रोकने के लिए प्रस्ताव देने को कहा गया है. इसके लिए जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को ग्राम पंचायत को प्रोत्साहन देने को कहा गया है. सीईओ को अपने स्तर पर विधवापन रोकने के लिए जागरूकता फैलाने को कहा गया है। सीईओ इस काम के लिए जिला परिषद के हर ग्राम पंचायत अधिकारी की मदद ले सकता है।

राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने हर ग्राम पंचायत से हरवाड़ ग्राम पंचायत की मिसाल पर चलकर एक आदर्श स्थापित करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इस कुप्रथा पर अंकुश लगाने के लिए महाराष्ट्र हमेशा सबसे आगे रहा है। पति की मौत के बाद पत्नी का सिंदूर पोंछने और मंगलसूत्र मिटाने की कुप्रथा को रोकने के लिए हेरवाड़ ग्राम पंचायत ने प्रस्ताव लाया है.

कोल्हापुर जिले की हेरवाड़ ग्राम पंचायत ने चार मई को विधवाओं की इस अमानवीय प्रथा को रोकने का प्रस्ताव पेश किया था, जिसे प्रत्येक ग्राम पंचायत ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया. इस गांव के इस आवेदन की पूरे राज्य में काफी चर्चा थी। गांव के लोगों ने तय किया कि अगर पति की मृत्यु हो गई तो महिलाओं के कंगन तोड़ने, सिर से सिंदूर पोंछने, अंतिम संस्कार के बाद मंगलसूत्र निकालने की प्रथा का पालन नहीं करने से महिला को समाज में अपमानित नहीं किया जाएगा।

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