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Lumpy virus spreading in animals of gujarat: गुजरात के पशुओं में तेजी से फैल रहा लम्पी वायरस, जानें पूरा विवरण…

  • सौराष्ट्र-कच्छ में लम्पी वायरस से 144 पशुओं की मौत हो चुकी

Lumpy virus spreading in animals of gujarat: सौराष्ट्र-कच्छ के 536 गांवों में लम्पी वायरस का असर बड़े पैमाने पर दिखाई दे रहा

गांधीनगर, 23 जुलाईः Lumpy virus spreading in animals of gujarat: राजकोट सहित सौराष्ट्र में लम्पी वायरस का प्रकोप देखा जा रहा है। एक दो नहीं, गुजरात के 11 जिलों में यह खतरनाक वायरस जानवरों की जिंदगी तबाह कर रहा है। सौराष्ट्र-कच्छ में लम्पी वायरस से 144 पशुओं की मौत हो चुकी हैं। सौराष्ट्र-कच्छ के 536 गांवों में लम्पी वायरस का असर बड़े पैमाने पर दिखाई दे रहा है। गांवों में लम्पी वायरस से किसान और पशुपालकों में दहशत का माहौल हैं। अगर एक भी पशु इस वायरस से संक्रमित हो जाए तो उसे मरने में एक पल भी नहीं लगता। इसके लिए गुजरात सरकार ने युद्धस्तर पर टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है।

इन 11 जिलों में फैला लम्पी वायरस

इस समय राज्य के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र के 11 जिलों में इस बीमारी के लक्षण देखे गए हैं, जिसमें देवभूमि-द्वारका, जामनगर, कच्छ, राजकोट, पोरबंदर, सुरेंद्रनगर, जूनागढ़, मोरबी, भावनगर, अमरेली और सूरत जिले के पशुओं में यह बीमारी देखी गई हैं।

वर्तमान में राजकोट के 26 गांवों की 172 गायों में लम्पी वायरस के लक्षण दिख रहे हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में कई दुधारू पशु लम्पी वायरस की चपेट में आ चुके हैं। सौराष्ट्र-कच्छ में अब तक 25,900 पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। राजकोट जिला पंचायत द्वारा लम्पी हेल्पलाइन शुरू की गई है। हालांकि जिला पंचायत समेत विभागों को टीकाकरण बढ़ाने की जरूरत है।

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सरकार ने प्रभावित जिलों में भेजी टीम

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कच्छ और जामनगर जिलों के पशुधन में व्यापक महामारी को लेकर इस महामारी के खिलाफ सुरक्षात्मक उपाय करने के विशेष निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने पशुपालन निदेशक को निर्देश दिए हैं कि इन दोनों जिलों में पशुओं में लम्पी चर्म रोग के उपचार और पशुओं के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए पर्याप्त टीकाकरण, दवाओं की मात्रा के साथ अतिरिक्त चिकित्सा दल तत्काल भेजें। अन्य जिलों के पशु चिकित्सकों की अतिरिक्त टीमों से भी इन प्रभावित जिलों में तत्काल टीकाकरण और निवारक उपाय करने का आग्रह किया गया है।

लक्षण दिखें तो सबसे पहले करें ये काम

  • यदि किसी पशु में इस रोग के लक्षण पाए जाते हैं तो पशुपालक पशु हेल्पलाइन नंबर 1962 पर कॉल करें और नजदीकी सरकारी पशु चिकित्सालय में संपर्क करें, ताकि समय पर इलाज व टीकाकरण से अन्य पशुओं में इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके और रोग पर नियंत्रण किया जा सके।
  • पशुपालकों को पहले स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारी की सलाह के अनुसार रोगग्रस्त पशु को अन्य स्वस्थ पशुओं से अलग करना चाहिए।
  • संक्रमित पशुओं को अलग रखकर उनके चारे, पानी और देखभाल करनी चाहिए।
  • रोगग्रस्त क्षेत्रों से पशुओं की आवाजाही रोकें
  • पशु आवास की जगह को साफ रखना
  • रोग के संचरण को रोकने के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा सलाह के अनुसार उपयुक्त दवाओं द्वारा मक्खी, मच्छर और अन्य संक्रमण की रोकथाम।

लम्पी वायरस क्या है?

  • लम्पी चर्म रोग वायरस से फैलने वाली बीमारी हैं।
  • यह मच्छरों, मक्खियों, जूँओं, ततैया आदि से फैलता है और रोगग्रस्त जानवरों, दूषित भोजन और पानी के सीधे संपर्क से भी फैलता है।
  • पशुओं में सामान्य बुखार, आंख और नाक से स्राव, मुंह से लार आना, पूरे शरीर में ट्यूमर जैसे कोमल छाले, दूध उत्पादन में कमी और खाना बंद कर देना या खाने में कठिनाई यह इस बीमारी के लक्षण हैं।
  • कुछ मामलों में, गर्भवती जानवर बह जाते हैं और कभी-कभी मर भी जाते हैं
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