Kashi Prant

Kashi prant: सारनाथ में काशी प्रांत की महिला समन्वय की बैठक

Kashi prant: भारतीय परिप्रेक्ष में महिला चिंतन को देखना है आवश्यक

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 07 सितंबरः Kashi prant: सारनाथ स्थित धमचकपवतन सभागार में काशी प्रांत (Kashi prant) की महिला समन्वय की बैठक आहुत की गई। मुख्य वक्ता के रूप में काशी प्रान्त के प्रांत प्रचारक रमेश जी भाई उपस्थित थे। प्रांत की महिला संयोजक डॉ मंजू चतुर्वेदी ने इंदौर में हुए अखिल भारतीय महिला समन्वय बैठक के विषयों को सभी प्रबुद्ध बहनों के सम्मुख रखा।

मुख्य वक्ता रमेश जी, प्रांत प्रचारक, काशी प्रांत (Kashi prant) ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में हमें महिला विषयक चिंतन को देखना होगा। आयातित सिद्धांत हमारे सिद्धान्त नहीं हैं। हमें सम्पूर्णता के साथ महिलाओं की स्थिति पर काम करना होगा। विमर्श के साथ रोजगार, उपक्रम, लोक जागरण के साथ परिवेश परिवार संबंधों के आधार पर आत्मीयता पूर्वक संवाद कायम करना होगा। महिला विषयक चिंतन के विविध पक्षों पर उन्होंने अपना उद्बोधन दिया।

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महिला समन्वय के पालक अधिकारी गौरी शंकर ने कोरोना जैसे आपदा काल मे महिलाओं की निर्णायक भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने परिवार, समाज के साथ देश को बचाया। अध्यक्षता करते हुए हिंदी की प्रख्यात रचनाकार डॉ बन्दना झा ने कहा कि विश्वविद्यालयों में बने महिला प्रकोष्ठ के साथ महिला अध्ययन केंद्र के पुनरावलोकन और समीक्षा की जरूरत है। देशज चिंतन के परिप्रेक्ष्य में महिला विषयक प्रश्नों को देखने की जरूरत है।

डॉ अमिता सिंह सह संयोजिका महिला समन्वय ने अतिथियों का स्वागत और परिचय दिया। इस अवसर पर प्रोफेसर सुमन जैन, डॉ रचना शर्मा, डॉ वंदना सरकार, डॉ विपाशा गोस्वामी, डॉ मंजरी पांडेय, डॉ दिव्या सिंह, डॉ रोली सिंह, डॉ सुमन सिंह आदि बहनों की उपस्थिति रही।
इस अवसर पर डॉ नीरज कुमार सिन्हा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस अवसर पर अतिथियों के सम्मुख सारनाथ के इतिहास को वृत चित्र के माध्यम से विशिष्टताओं को बताया। इस अवसर पर संघ के विशिष्ट अधिकारी गौतम, विष्णु नारायण, रजनीश, राहुल के साथ नवीन उपस्थित रहे।

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