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Cooperation IIT BHU & NSF: भारत-अमेरिका के व्यापक वैश्विक भागीदारी को नया आयाम देगा आईआईटी (बीएचयू) और एनएसएफ सहयोग

Cooperation IIT BHU & NSF: कृतिम बुद्धिमत्ता और डेटा विज्ञान से संबंधित संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं पर होगा विशेष कार्य

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 17 जूनः Cooperation IIT BHU & NSF: आईआईटी बीएचयू के डायरेक्टर प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने एक विशेष मुलाकात में देश की आवाज को बताया कि, भारत-अमेरििका सहयोगात्मक अनुसंधान कार्यक्रम, नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) और टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (टीआईएच) द्वारा संयुक्त रूप से आरंभ किया गया हैँ। जिसमें विकास के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा विज्ञान से संबंधित संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं पर कार्य किया जाएगा।

Cooperation IIT BHU & NSF: इसके लिए देश की छह प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों आईआईटी-मद्रास, आईआईटी-बॉम्बे, आईआईटी-दिल्ली, आईआईटी-जोधपुर, आईएसआई-कोलकाता के साथ आईआईटी (बीएचयू) भी शामिल हैं। आईआईटी-बीएचयू स्थित आईडीएपीटी हब फाउंडेशन टीआईएच डीएसटी अंतःविषयक साइबर-भौतिक प्रणाली पर राष्ट्रीय मिशन (एनएम-आईसीपीएस) के तहत भारत सरकार द्वारा समर्थित है। ये सहयोगी शोध, डेटा एनालिटिक्स, प्रेडिक्टिव टेक्नोलॉजीज, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, न्यूरल नेटवर्क्स, एज कंप्यूटिंग आदि जैसे क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (सीइटी) पर आधारित हैँ।

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इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए संस्थान के निदेशक प्रोफेसर जैन ने बताया कि हाल ही में आयोजित क्वाड सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन से मुलाकात की और भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में हुई प्रगति और एनएम-आईसीपीएस योजना के तहत गठित छह प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्रों में शामिल होने की अमेरिकी योजनाओं के बारे में चर्चा की। जिसमें कृषि, स्वास्थ्य और जलवायु जैसे मामलों में और विकास के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और डेटा विज्ञान से संबंधित संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं का समर्थन करना है।

Cooperation IIT BHU & NSF: आपने बताया कि व्हाइट हाउस ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी के साथ राष्ट्रपति बाइडेन की बैठक का एक रीडआउट जारी किया है, जिसमें हाल ही में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब (डीएसटी द्वारा समर्थित) और नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ), यूएसए द्वारा शुरू किए गए यूएस-भारत सहयोगी अनुसंधान कार्यक्रम का जिक्र है।

निदेशक प्रो.प्रमोद कुमार जैन ने आगे बताया कि आईआईटी (बीएचयू) विज्ञान और प्रौद्योगिकी में इस तरह के वैश्विक सहयोग के लिए तत्पर और प्रतिबद्ध हैं। हम दोनों देशों के बीच संकाय और छात्र विनिमय कार्यक्रम, संयुक्त अनुसंधान अध्याय आदि जैसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। यह आधुनिक युग की समस्याओं को हल करने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों को गति प्रदान करेगा। यह पहल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर, क्वांटम कंप्यूटिंग, बायोटेक, स्पेस आदि के क्षेत्रों में सरकार, शिक्षा और उद्योग के बीच घनिष्ठ संबंध स्थापित करेगी।

Cooperation IIT BHU & NSF: उन्होंने बताया कि आईडीएपीटी हब फाउंडेशन ने बिजली/उर्जा, दूरसंचार, सड़क परिवहन और राजमार्गों और स्वास्थ्य सेवा के अनुप्रयोग क्षेत्रों में डेटा एनालिटिक्स और प्रेडिक्टिव टेक्नोलॉजीज पर इस संयुक्त शोध पहल के लिए एक करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता की प्रतिबद्धता जताई है।

अधिष्ठाता (अनुसंधान और विकास), प्रो.विकास कुमार दूबे ने कहा आईआईटी (बीएचयू), वाराणसी डेटा एनालिटिक्स और प्रेडिक्टिव टेक्नोलॉजी से संबंधित सभी ज्ञान और सूचनाओं का एकल बिंदु स्त्रोत बनने के लिए प्रतिबद्ध है। हम प्रमुख सामाजिक समस्याओं को हल करने के लिए डीएपीटी के विकाास की दिशा में सहानुभूतिपूर्वक काम करने के लिए सभी शोधकर्ताओं, संस्थानों, उत्कृष्टता के अन्य केंद्रों से जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

आई-़डीएपीटी हब फाउंडेशन के परियोजना निदेशक प्रो.राजीव प्रकाश ने कहा कि महत्वपूर्ण और उभरती हुई प्रौद्योगिकियां हमारे दैनिक जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और आर्थिक विकास में बहुत योगदान देती हैं। एनएसएफ-टीआईएच सहयोग स्वास्थ्य, कृषि, उर्जा, विनिर्माण, दूरसंचार, स्मार्ट शहरों आदि में सीइटी के उपयोग का पता लगाएगा।

डॉ.आर.के.सिंह, आईडीएपीटी हब फाउंडेशन के समन्वयक ने बताया कि देशभर के शोधकर्ताओं से आवेदन आमंत्रित किए गए थे, जिन्हें वर्तमान में पात्रता और योग्यता के लिए संयुक्त रूप से जांचा जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल से द्विपक्षीय सीइटी अनुसंधान के अवसरों और चुनौतियों पर चर्चा को बढ़ावा मिलेगा।

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