Arvind kejriwal 1

CCTV in Delhi: दिल्ली ने पाया नया मुकाम, प्रति वर्ग मील में सबसे अधिक सीसीटीवी लगाने वाला दुनिया का पहला शहर बना: सीएम केजरीवाल

CCTV in Delhi: प्रति वर्ग मील में लगाए गए सीसीटीवी के मामले में दिल्ली दुनिया भर के 150 शहरों में पहले स्थान पर, शंघाई, न्यूयॉर्क और लंदन जैसे शहरों को भी पीछे छोड़ा- अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली, 26 अगस्त: CCTV in Delhi: सीएम अरविंद केजरीवाल की मेहनत और संघर्ष की बदौलत दिल्ली ने दुनिया में एक नया मुकाम हासिल किया है। दिल्ली आज प्रति वर्ग मील में सबसे अधिक सीसीटीवी लगाने के मामले में दुनिया का पहला शहर बन गया है। दिल्ली में प्रति वर्ग मील 1826 सीसीटीवी लगाए गए हैं, जो चेन्नई से 3 गुना अधिक और मुंबई से 11 गुना अधिक है। केंद्र सरकार और एलजी की तरफ से लगातार अड़चनें डालने के बावजूद सीएम अरविंद केजरीवाल के लगातार संघर्ष, दूरदर्शिता और मेहनत की वजह से दिल्ली में सीसीटीवी लग सकें और आज दिल्ली को यह ऐतिहासिक मुकाम हासिल हो पाया।

इससे जिसने दिल्ली की जनता के लिए एक सुरक्षित माहौल देने का केजरीवाल सरकार का एक बड़ा वादा भी पूरा हुआ । इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रति वर्ग मील में लगाए गए सीसीटीवी के मामले में दिल्ली दुनिया भर के 150 शहरों में पहले स्थान पर है और शंघाई, न्यूयॉर्क व लंदन जैसे शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है। महिला सुरक्षा को मजबूती देने के लिए प्रतिबद्ध दिल्ली सरकार ने अब तक 2.75 लाख सीसीटीवी लगाए हैं और अगले कुछ महीने में 1.4 लाख सीसीटीवी और लगाए जाएंगे।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, (CCTV in Delhi) ‘‘हमें यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि दिल्ली ने प्रति वर्ग मील में सबसे अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाने के मामले में शंघाई, न्यूयार्क और लंदन जैसे शहरों को भी पीछे छोड़ दिया है। दिल्ली में प्रति वर्ग मील 1826 कैमरे लगे हैं, जबकि लंदन में प्रति वर्ग मील 1138 कैमरे लगे हैं। मिशन मोड में काम करने वाले हमारे अधिकारियों और इंजीनियरों को मेरी बधाई, जिनकी बदौलत हमने इतने कम समय में यह उपलब्धि हासिल की।’’

केजरीवाल सरकार ने केंद्र की हर बांधाओं को दूर कर हासिल किया मुकाम

केजरीवाल सरकार अपने नागरिकों को सार्वजनिक स्थानों (CCTV in Delhi) पर सुरक्षित माहौल देने के लिए शुरू से ही प्रतिबद्ध है। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूरी दिल्ली को सीसीटीवी कैमरों से कवर करने की योजना बनाई। जब दिल्ली सरकार ने सीसीटीवी प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के प्रयास तेज किए, तब केंद्र सरकार और एलजी द्वारा विभिन्न तरह की बांधाएं डाली गई। सीसीटीवी प्रोजेक्ट की फाइल को एलजी हाउस ने रोक दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा कई बार एलजी से इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए अनुरोध किया गया। लेकिन एलजी द्वारा विभिन्न मामूली कारण बताते हुए फाइल को मंजूरी नहीं दी गई।

यह भी पढ़ें…..MLA Vijender Gupta: परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के विरुद्ध मानहानि मुकदमा दायर किया

इसके बावजूद सीएम अरविंद केजरीवाल के इरादे नहीं डीगे, वह जनहित की इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध और दृढसंकल्पित थें। जनहित के लिए आखिरकार सीएम अरविंद केजरीवाल और अन्य कई मंत्रियों को इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दिलवाने के लिए एलजी हाउस में धरने पर बैठना पड़ा। कई दिनों तक लगातार धरने पर बैठने के बाद एलजी की तरफ से प्रोजेक्ट को मंजूरी प्रदान करने पर मजबूर होना पड़ा। यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मेहनत, लगन और तपस्या का ही परिणाम है, जिसकी बदौलत इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन का मार्ग प्रशस्त हो सका है और आज दिल्ली भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया का पहला शहर बन गया है, जहां पर प्रति वर्ग मील में सबसे अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे हैं और दिल्ली की 2 करोड़ जनता के साथ दुनिया भर से आने वाले लोगों को सुरक्षित माहौल मिल पा रहा है।

 केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में अभी तक 2.75 लाख सीसीटीवी लगाए, अभी 1.4 लाख सीसीटीवी और लगेंगे

केजरीवाल सरकार महिला समेत हर वर्ग की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए दिल्ली की सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे लगवा रही है। यह दिल्ली के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी पहल है। दिल्ली में अभी तक 2.75 लाख सीसीटीवी लगाए जा चुके हैं और अभी 1.4 लाख सीसीटीवी और लगाए जाने हैं, जो निविदा प्रक्रिया में हैं। यह कैमरे भी अगले सात महीने के अंदर लगा दिए जाएंगे। सीसीटीवी प्रोजेक्ट स्वराज का एक उदाहरण है।

आरडब्ल्यूए उन स्थानों का सर्वेक्षण करने में शामिल थे, जहां सीसीटीवी लगाए गए हैं। सीसीटीवी से न केवल कॉलोनियों को, बल्कि झुग्गियों सहित दिल्ली के सभी हिस्सों को कवर किया जा रहा है। दिल्ली सरकार का सीसीटीवी लगाने का यह मॉडल विश्व स्तर पर अनूठा है, क्योंकि यह प्रणाली विकेंद्रीकृत है और सुरक्षित कनेक्शन के माध्यम से पुलिस, पीडब्ल्यूडी और आरडब्ल्यूए व बाजार एसोसिएशन द्वारा रिमोट मॉनिटरिंग की अनुमति प्रदान करता है।

केजरीवाल सरकार ने सीसीटीवी लगाने का अपना वादा किया पूरा

केजरीवाल सरकार ने पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कवरेज देने का अपना वादा पूरा किया है। दिल्ली के लोगों द्वारा 2012 से ही शहर के सार्वजनिक क्षेत्रों को सीसीटीवी कवरेज देने की बार-बार मांग की जा रही थी। दिल्ली वालों की मांग को पूरा करते हुए दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग ने यह सीसीटीवी लगाने करने की प्रक्रिया शुरू की। दिल्ली देश में इकलौता शहर है, जहां सार्वजनिक स्थानों को सीसीटीवी के माध्यम से सबसे बेहतर निगरानी प्रदान की जा रही है। साथ ही, विश्व स्तर पर दिल्ली उन शहरों में एकमात्र शहर बन गया है, जो सीसीटीवी के माध्यम से अपनी जनता की सुरक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

केजरीवाल सरकार ने गोपनियता को लेकर भी उठाए कई कदम

केजरीवाल सरकार सीसीटीवी प्रोजेक्ट में गोपनियता का ख्याल रखते हुए कई कदम उठाए हैं। सरकार द्वारा लगाए गए सभी सीसीटीवी फ़ीड अत्यधिक सुरक्षित हैं। लोगों द्वारा हार्डवेयर की निगरानी की जाती है। फ़ीड केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है और सिस्टम स्वयं ही कनेक्शन की गड़बड़ी आदि का पता लगाने में सक्षम है। इसके साथ ही, दिल्ली सरकार एकत्र किए गए सभी फ़ीड की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित की जा रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इसका उपयोग केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं द्वारा अधिकृत उद्देश्यों के लिए ही किया जाए।

केंद्र सरकार ने जुलाई 2018 में व्यक्तिगत डेटा विधेयक पेश किया, लेकिन अभी भी इसे पारित नहीं किया है। नतीजतन, कहीं भी स्थापित किसी भी सीसीटीवी कैमरे के लिए कोई राष्ट्रीय मानक नहीं हैं। हालांकि, दिल्ली सरकार डेटा की गोपनीयता के लिए एक नागरिक चार्टर जारी करना चाहती है।

केंद्र सरकार नागरिकों के डिजिटल अधिकारों को लेकर गंभीर नहीं

केंद्र सरकार अपने नागरिकों के डिजिटल अधिकारों को लेकर गंभीर नहीं है। केंद्र ने व्यक्तिगत डेटा प्रोटेक्शन बिल जुलाई 2018 में संसद में पेश किया था, लेकिन अभी भी इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है।  जबकि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में सीसीटीवी लगाने, डेटा के भंडारण और नागरिकों के अवैयक्तिक डेटा (स्थान, व्यवहार आदि) की गोपनीयता को दृढ़ता से विनियमित करने के लिए दंड संहिता और सुरक्षा ढांचे को राष्ट्रीय स्तर पर आधुनिक बनाने की आवश्यकता है।

केंद्रीय नियमों के अभाव में कर्नाटक राज्य ने कर्नाटक पुलिस के सहयोग से कर्नाटक सार्वजनिक सुरक्षा (उपाय) अधिनियम-2018 जारी किया, ताकि सार्वजनिक और निजी सीसीटीवी की नियमित पुलिस निगरानी के लिए व्यापक नियम बनाए जा सकें। दिल्ली को सीसीटीवी लगाने से संबंधित नियम बनाने के लिए एलजी के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। इस संबंध में दिल्ली सरकार, केन्द्र सरकार से एक व्यापक राष्ट्रीय नीति बनाने की मांग भी करती है।

सीसीटीवी प्रोजेक्ट के मुख्य बिंदु-

1- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सीसीटीवी प्रोजेक्ट गुणवत्ता, गोपनीयता और स्वचालित निगरानी के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी मानकों का उपयोग करते हुए अत्यधिक नवीन है। इस सिस्टम के रोलआउट में नवाचार भी शुरू किए गए हैं, जो पुलिस, आरडब्ल्यूए, बाजार एसोसिएशंस और लोक निर्माण विभाग द्वारा सहयोगात्मक रूप से किए जाते हैं।
2- प्रत्येक आरडब्ल्यूए व मार्केट एसोसिएशन में क्षेत्रों को कवर करने के लिए लगभग 30 से 40 कैमरे होंगे। दिल्ली के 70 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में लगभग दो-दो हजार कैमरे सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए हैं।
3- भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा प्रदान किए गए 1.4 लाख सीसीटीवी 23 दिसंबर 2019 तक लगाए जा चुके हैं और 1.5 लाख सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया में हैं।
4- सीसीटीवी लगाने से पहले, पीडब्ल्यूडी, पुलिस, आरडब्ल्यूए और मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक आम सभा बैठक होगी, जिसमें सीसीटीवी की लोकेशन तय करने के लिए एक फॉर्म जमा किया जाएगा।
5- कैमरों और एनवीआर डिवाइस की निगरानी के लिए कुछ सदस्यों को नामित किया जाएगा। यूपीएस और एनवीआर बॉक्स को एसी बिजली की आपूर्ति यूनिट के नजदीक के किसी भी निवासी से होगी, कैमरा एनवीआर से संचालित होगा। मासिक बिजली खपत शुल्क दिल्ली सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
6- कैमरा फीड केवल अधिकृत उपयोगकर्ताओं को प्रदान की जाएगी। अर्थात् पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर, जो आईटीओ में पीडब्ल्यूडी मुख्यालय में स्थित है, आरडब्ल्यूए निगरानी कक्ष और पुलिस द्वारा प्रदान की जाएगी।
7- कैमरे से सर्वेक्षण किए गए क्षेत्रों को स्पष्ट रूप से साइनेज के साथ चिह्नित किया जाएगा। क्षेत्र में एक पैनिक बटन प्रदान किया जाएगा और स्पष्ट रूप से चिह्नित भी किया जाएगा, जो आरडब्ल्यूए, पुलिस और पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर को एसएमएस अलर्ट प्रदान करेगा।
8- कैमरे डे और नाइट विजन के साथ एचडी 4-एमपी आईपी आईआर के साथ होंगे।
9- एनवीआर और सर्वर सुरक्षित फायरवॉल के साथ 4जी, 3जी, 2जी और जीपीआरएस से जुड़े हुए हैं।
10- एनवीआर बॉक्स इससे जुड़े सभी कैमरों की 30 दिनों की रिकॉर्डिंग को फुल एचडी में स्टोर करेगा। रिकॉर्डिंग 25 एफपीएस पर सीसीटीवी कैमरे के समान रिज़ॉल्यूशन पर की जाएगी।
11- सिस्टम ऑटो हेल्थ चेक-अप में सक्षम है। कैमरे के किसी भी रुकावट या कैमरा सिग्नल के टूटने से आरडब्ल्यूए, पुलिस और पीडब्ल्यूडी कमांड सेंटर को अलर्ट कर दिया जाएगा।

विभिन्न देशों में प्रति वर्ग मील में लगे सीसीटीवी कैमरों की स्थिति

देश                    सीसीटीवी कैमरे
दिल्ली, भारत1826.6
लंदन, यूके1138.5
चेन्नई, भारत  609.9
शेन्ज़ेन, चीन     520.1
क़िंगदाओ, चीन 415.8
संधाई, चीन        408.5
सिंगापुर   387.6
चांग्शा, चीन   353.9
सीओल, साउथ कोरिया331.9
जियामी, चीन 228.7
मास्को, रूस    210.0
न्यू यार्क, यूएस 193.7
बिजिंग, चीन  181.5
ताइयुआन, चीन 174.4
सूजौ, चीन   165.6
मुम्बई, भारत 157.4
मैक्सिको सिटी  151.7
चांगचुन, चीन139.6
Whatsapp Join Banner Eng