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MLA Vijender Gupta: परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के विरुद्ध मानहानि मुकदमा दायर किया

MLA Vijender Gupta: परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता द्वारा लापरवाह और दुर्भावनापूर्ण टिप्पणी मामले में मानहानि मुक़दमा दायर कर मांगे  5 करोड़ रुपये हर्जाना राशि

नई दिल्ली, 27 अगस्त: MLA Vijender Gupta: दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने लो फ्लोर बसों की खरीद मामले में भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता द्वारा आधारहीन आरोप लगाने पर उनके विरुद्ध क्रिमिनल और सिविल मानहानि का मुकदमा दायर किया है। विजेंद्र गुप्ता पर जानबूझ कर बदनाम करने और दुर्भावना पूर्ण उद्देश्यों की पूर्ति के लिए और इसके जरिए राजनीतिक लाभ हासिल करने को लेकर एक आपराधिक शिकायत दर्ज कराई गई है।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने विजेन्द्र गुप्ता (MLA Vijender Gupta) के खिलाफ इस तरह की लापरवाह टिप्पणी करने पर दीवानी मानहानि के मुकदमे में 5 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति और आपराधिक मानहानि के मुकदमे में विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ धारा 499, 501 के तहत कार्रवाई की मांग की है। परिवहन मंत्री ने इसके साथ ही विजेंद्र गुप्ता द्वारा ट्विटर और फेसबुक पर उनके खिलाफ पोस्ट की गई सभी मानहानिकारक सामग्री को हटाने की भी  मांग की है। उन्होंने हाईकोर्ट से विजेंद्र गुप्ता के साथ-साथ ट्विटर और फेसबुक को इस तरह के सभी कंटेंट अपने  प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने तब अदालत का रुख किया, जब भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने सोशल मीडिया पर मानहानि सामग्री प्रसारित की, जिसमें परिवहन मंत्री द्वारा 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद के साथ-साथ लो फ्लोर बसों के रखरखाव के लिए भ्रष्टाचार और घोटाले का आरोप लगाया गया था।

सिविल मानहानि मुकदमे में कहा गया है कि बिना किसी तथ्य की पुष्टि किए बिना विजेंद्र गुप्ता द्वारा जानबूझकर राजनितिक लाभ और द्वेष की भावना से परिवहन मंत्री को “भ्रष्ट” और “खुली लूट” में शामिल कहा गया है।

कैलाश गहलोत ने परिवहन मंत्री के रूप में प्रभार हासिल करने के तुरंत बाद ही दिल्ली में बस बेड़े की खराब स्थिति को देखते हुए  बसों को बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की। वाद में आगे कहा गया कि दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने 2017 से अब तक लगभग 1500 नई बसों को बेड़े में सफलतापूर्वक शामिल किया है। इस क़दम से दिल्ली के उन निवासियों को  राहत और खुशी मिली है, जो अपने दैनिक आवागमन के लिए सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता (MLA Vijender Gupta) अपने राजनितिक फायदे के लिए और परिवहन मंत्री की  प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए सोची-समझी मंशा और दुर्भावना से लापरवाह पूर्ण, गैरजिम्मेदार और झूठे आरोप लगाते रहे हैं।

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भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता (MLA Vijender Gupta) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर बेबुनियाद टिप्पणी की है और गैर-जिम्मेदाराना तरीके से परिवहन मंत्री के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी डाले हैं।

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परिवहन मंत्री द्वारा ट्रायल कोर्ट में दायर आपराधिक मानहानि शिकायत में कहा गया है कि दिल्ली के निवासियों के लाभ के लिए 1000 बसों की खरीद भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता को अच्छी नहीं लग रही है और उनसे यह बर्दाश्त नहीं हो पा रहा है कि किस प्रकार दिल्ली सरकार जनता के हित में सफलतापूर्वक एक के बाद एक नई परियोजनाएँ चला रही  है, जिससे दिल्ली का विकास हो रहा है और दिल्ली के निवासियों का जीवन आरामदायक बन रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे जन-उत्साही कार्यों के कारण, भाजपा विधायक राजनीति में अपना भविष्य अंधकारमय पाकर भयभीत हो गए हैं।

भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने इस परियोजना में घोटाले का झूठा आरोप लगाया और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और एलजी से संपर्क किया, जिसके बाद उपराज्यपाल ने एक समिति गठित करने का आदेश दिए, गठित समिति द्वारा जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने नहीं आने पर परिवहन मंत्री को क्लीन चिट दे दी गई थी।

दिल्ली विधानसभा में उनके सभी प्रश्नों के उत्तर के बावजूद विजेंद्र गुप्ता जानबूझकर ट्विटर और फेसबुक पर गहलोत के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री डाल रहे हैं।

सिविल  मानहानि के मुकदमे में कहा गया है कि भाजपा विधायक (MLA Vijender Gupta) ने जुलाई 2021 में दिल्ली विधानसभा में एक स्टार प्रश्न उठाया था और बसों की खरीद और रखरखाव पर प्रतिक्रिया और स्पष्टीकरण मांगा था। जवाब में उन्हें उनकी संतुष्टि के लिए सभी प्रश्नो के उत्तर प्रदान किए गए थे। भाजपा विधायक ने मामले के सभी तथ्यों से अवगत होने के बावजूद सोशल मीडिया पर गलत मंशा से झूठी दलीलें प्रसारित कीं।

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सिविल  मानहानि के मुकदमे में कहा गया है कि बसों को शामिल करने की सख्त जरूरत होने के बावजूद, डीटीसी ने कोटेड दरों को आँख बंद करके स्वीकार नहीं किया बल्कि  डीटीसी द्वारा विधिवत बातचीत की गई और दरों में काफी कमी की गईऔर यह कि दिल्ली सरकार का प्रयास बसों की खरीद और रखरखाव की प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना था ताकि पर्याप्त संख्या में बसों की उपलब्धता हो सके।

1 फरवरी 2021 को, बसों के साथ-साथ इसके आजीवन रखरखाव के लिए निविदा टाटा मोटर्स लिमिटेड और जेबीएम ऑटो लिमिटेड को दिल्ली परिवहन निगम द्वारा प्रदान की गई थी। जैसा कि सूट में कहा गया है, व्यापक रखरखाव में बसों का पूर्ण  रखरखाव शामिल है, जिसमें बसों को नियमित रूप से काम करने की स्थिति में रखने के लिए पुर्जों की लागत,  इलेक्ट्रॉनिक्स, सुरक्षा सुविधाएँ, जीपीएस, पैनिक बटन और अन्य विभिन्न सुरक्षा नियामक सुविधाएँ आदि शामिल हैं। बसों को जीवन चक्र के दौरान  संचालन की स्थिति में बनाए रखने के लिए किस प्रकार कम से कम लागत आये इसके सभी प्रयास किये जा रहे हैं।

परिवहन मंत्री ने की विजेंद्र गुप्ता (MLA Vijender Gupta) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने विजेन्द्र गुप्ता के खिलाफ इस तरह की लापरवाह टिप्पणी करने पर दीवानी मानहानि के मुकदमे में 5 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति और आपराधिक मानहानि के मुकदमे में विजेंद्र गुप्ता के खिलाफ धारा 499, 501 के तहत कार्रवाई की मांग की है।

परिवहन मंत्री ने इसके अलावा विजेंद्र गुप्ता द्वारा ट्विटर और फेसबुक पर उनके खिलाफ पोस्ट की गई सभी मानहानिकारक सामग्री को हटाने की मांग की है।

उन्होंने हाईकोर्ट से ट्विटर और फेसबुक के साथ-साथ विजेंदर गुप्ता को इस तरह के सभी कंटेंट को प्लेटफॉर्म से हटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

अदालत से विजेंद्र गुप्ता को अपने ट्विटर अकाउंट, फेसबुक अकाउंट या किसी अन्य सोशल मीडिया प्रोफाइल पर या  प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर किसी भी मानहानिकारक या निंदनीय या तथ्यात्मक रूप से गलत ट्वीट्स/पोस्ट को प्रकाशित करने से रोकने के लिए एक स्थायी निषेधाज्ञा पारित करने की मांग कि गई है।

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