किया है तुमने रंगों से अजब शृंगार होली (Shringar Holi) में।
किया है तुमने रंगों से अजब शृंगार होली (Shringar Holi) में।
किया है तुमने रंगों से अजब शृंगार होली Shringar Holi) में।
अलग रंगत तुम्हारी दिख रही है यार होली में।
तभी तो रंग लगवाने को हो जाते हैं वो तैयार
पता उनको भी है, चलता नहीं इन्कार होली में।
पता है खींच ही लाएँगे बाहर उनको हुरियारे
मगर छिपने की कोशिश करते हैं हर बार होली में।
अजब दीवानगी भारत के लोगों पर है छा जाती
अचम्भा करता है यह देखकर, संसार होली में।
मेरे माँ- बाप, भाई गाँव में यह सोचकर ख़ुश हैं
जुटेगा एक अर्सा बाद फिर परिवार होली में।
हँसे हम खुल के, नाचे झूम के , भूले गिले- शिकवे
मिला आनंद को कुछ और भी विस्तार होली में।
रखेंगे जोश में भी होश क़ायम कर लें तय इतना
नहीं लाँघेंगे मर्यादाओं की दीवार होली में।
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