Mamta ke aanchal me: ममता के आंचल में बचपन बिताए लाडो: रेणु तिवारी “इति”
!! कन्यादान !!(Mamta ke aanchal me)
Mamta ke aanchal me: ममता के आंचल में बचपन बिताए लाडो
पापा की ऊंगली थामे चलना सीखे लाडो
भईया तेरी छत्र छाया में पले बढ़े ये लाडो
बहना के संग खेल खेल में मुस्कुराए ये लाडो
जीती जागती धड़कन,किलकारी है ये लाडो
एक दिन दे दी जाती है दान में ये प्यारी लाडो
गंगा नहा जाता है पिता कन्यादान कर लाडो
छोड़ मोह माया,यहां अब कुछ नहीं तेरा लाडो
ब्याह हो गया तेरा,अब वहीं तेरा संसार है लाडो वस्तु नहीं जो कर दिया दान,मां मैं हूं तेरी लाडो
एक बगिया से तोड़, दुजे आंगन बसा दिया
क्या यहीं है कन्यादान ? पूछे है तेरी लाडो
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