Continual effort: परिंदे ऊंचाइयों कि कभी दूरी नहीं नापते….
!! निरन्तर प्रयास कि दौड़ !!(Continual effort)
Continual effort: निरन्तर प्रयास कि दौड़
शिकंजे मे कस कर रखो ये मेहनत का दौर तुम,
आंधीयों से लड़ते रहो हर पल हर रोज तुम,
ना चुके कभी तुम्हारे लक्ष्मय तरकस के तीर भी,
बस प्रत्यंचा को दृढ़ रखो और मेहनत करो घनघोर तुम!
परिंदे ऊंचाइयों कि कभी दूरी नहीं नापते,
अपने पंखो कि उड़ान पर किसी से सफाई नहीं मांगते,
बस चलते रहते है अपनी मंजिल कि तलाश मे निरन्तर,
यू ठोकरे खाकर कभी असफलता से नहीं भागते!
उन्नति का पहला कदम एक रोज़ सवेरा होता है,
नयी आशाओ को लेकर उठना एक रोज़ सवेरा होता है,
और रोज़ रोज इस नई उड़ान कि भाग दौड़ मे,
आत्मविश्वास हि सफलता का एक नया चहरा होता है!
प्रयत्न से परिणाम भी परिवर्तित होते हे,
हौसलों से स्वाभिमान भी परिचित होते हे,
और झुका देते हे वो लोग हिमालय के शिखर को भी,
जिनकी धारणाओ मे गुरु के अमोक तीर होते है!
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