Language: देश की सामर्थ्य के लिए चाहिए भाषाओं का पोषण: गिरीश्वर मिश्र
भाषा (Language) मनुष्य जीवन की अनिवार्यता है और वह न केवल सत्य को प्रस्तुत करती है बल्कि उसे रचती भी है I वह इतनी सघनता के साथ जीवन में घुलमिल … Read More
भाषा (Language) मनुष्य जीवन की अनिवार्यता है और वह न केवल सत्य को प्रस्तुत करती है बल्कि उसे रचती भी है I वह इतनी सघनता के साथ जीवन में घुलमिल … Read More
Professor Durganand Sinha: मनुष्य होना एक सांस्कृतिक उपलब्धि है और संस्कृति में रह कर सृजनात्मक संवाद करते हुए ही मनुष्यों के बारे में प्रामाणिक और उपयोगी ज्ञान पाया जा सकता … Read More
उत्तर प्रदेश के मंत्री का बयान था कि जाँच के अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी। कुल मिला कर यह पूरा घटना चक्र भारत में भ्रष्टाचार की व्यापक उपस्थिति के ऊपर … Read More
ताजी रपट के अनुसार वैश्विक मानव विकास के सूचकांक में नार्वे सबसे ऊपर है और वह पूरे विश्व में शिक्षा पर सबसे ज़्यादा खर्च करने वाला देश है। भारत 189 … Read More
स्वतंत्रता की भ्रामक चेतना में ग़ुलाम अपने आका की ख़ुशी में ही अपनी भी ख़ुशी देखता है. ग़ुलामी की सोच या मनोवृत्ति (माइंड सेट) संकुचित या प्रतिबंधित दृष्टि के साथ … Read More
Lord shri krishna: जिंदगी खेने की सारी कशमकश इन्हीं को लेकर चलती रहती है और आज की दुनिया में हर कोई कुंठा और तनाव से जूझता दिख रहा है और … Read More
वास्तव में अगर देखा जाए तो किसी भी देश के लिए स्वतंत्रता प्राप्त करने से भी मुश्किल है, स्वतंत्रता को उसके उचित उद्देश्यों के साथ लेकर सुनिश्चित मार्ग पर आगे … Read More
Independent india: देश या राष्ट्र का भौगोलिक अस्तित्व तो होता है पर वह निरा भौतिक पदार्थ नहीं होता जिसमें कोई परिवर्तन न होता हो। वह एक गत्यात्मक रचना है और … Read More
यह भाषा ही है जो हमारे अनुभव के देश–काल को स्मृति के सहारे एक ओर अतीत से जोड़ती है तो दूसरी ओर अनागत भविष्य को गढ़ने का अवसर देती है. … Read More
आज की स्थिति में धन–बल, बाहु-बल, परिवारवाद के साथ राजनीति के किरदारों की अपराध में संलिप्तता किस जोर-शोर से बढ़ती जा रही है वह चिंता का विषय हो रहा है. … Read More