स्वाधीनता और गांधी का स्वराज

उनकी खूबी यह भी रही कि वे अपने विचारों और अनुभवों को निरंतर लिखते भी रहे जो आम तौर पर सार्वजनिक जीवन के लोगों के लिए व्यस्तताओं के कारण सम्भव … Read More

૧૫ ઓગસ્ટ ૧૯૪૭ ના દિવસે જૂનાગઢ કેમ આઝાદ ના થઇ શકયું જાણો આ ખાસ લેખમાં

જૂનાગઢ 15 મી ઓગસ્ટ 1947 માં આઝાદ થયું નથી…9 મી નવેમ્બર 1947 ના દિવસે આઝાદ થયું હતું પાકિસ્તાનના વડા પ્રધાન ઇમરાન ખાને જૂનાગઢને પાકિસ્તાનનો હિસ્સો ગણાવતાં વિવાદ થયો છે. જૂનાગઢનું … Read More

15 अगस्त सिर्फ जश्न का नहीं आत्ममंथन का भी दिन

15 अगस्त सिर्फ जश्न का नहीं आत्ममंथन का भी दिनभारत हर वर्ष 15अगस्त को अपना स्वाधीनता दिवस मनाता है यह दिन जहां हमारे आजाद होने की खुशी लेकर आता है, … Read More

शिक्षा के बदलते परिदृश्य में सार्थक हस्तक्षेप की जरूरत

यदि आजादी के समय से तुलना की जाय तो आज भारत में साक्षरता , शिक्षा संस्थाओं की संख्या और स्कूल में नामांकन भी बढा है और हम गर्व भी महसूस … Read More

आदिवासी दिवस के बहाने अलगाववाद की राजनीति

वैशविक परिदृश्य में कुछ घटनाक्रम ऐसे होते हैं जो अलग अलग स्थान और अलग अलग समय पर घटित होते हैं लेकिन कालांतर में अगर उन तथ्यों की कड़ियाँ जोड़कर उन्हें … Read More

सांस्कृतिक पुनर्जागरण में संस्कृत की भूमिका

भारतीय प्रायद्वीप में संस्कृति के विकास की कथा की व्यापकता और गहनता का विश्व में कोई और उदाहरण नहीं मिलता न ही वैसी जिजीविषा का ही कोई प्रमाण मिलता है। … Read More

કોવીડ-19 સંક્રમણ અને સૂરત:કમલેશ યાજ્ઞિક

સુરત, આજે વિશ્વમાં ફેલાયેલી કોરોના વાયરસની મહામારીને કારણે પ્રત્યેક દેશમાં સામાજીક અને આર્થિક ક્ષેત્રે અવ્યવસ્થા સર્જાઈ છે. આપણાં ભારત દેશમાં વધતી વસ્તીનાં પ્રમાણમાં અન્ય વિકસીત દેશોની સરખામણીએ આંશિક રીતે કોવીડ-19ની … Read More

शिक्षानीति – 2020 के आशय

भारत विकास और उन्नति के मार्ग पर अग्रसर हो रहा एक जनसंख्याबहुल देश है। इसकी जनसंख्या में युवा वर्ग का अनुपात अधिक है और आगे आने वाले समय में यह … Read More

अहमदाबाद सीरियल ब्लास्टः जब दहल उठा था सिविल हॉस्पिटल का ‘दिल’

१२ वर्षों में सेवा-शुश्रूषा और संवेदना के मरहम से भर गए घटना के गहरे घाव २००१ का भूकंप हो या २००८ के बम धमाके या फिर २०२० में कोरोना, हमेशा … Read More

परीक्षा की गिरफ्त में ज्ञान और शिक्षा

ज्ञान की वैश्विक दौड़ में आगे बढ़ने के लिये भारत की प्रतिबद्धता बराबर व्यक्त की जाती रही है । ठीक इसके विपरीत परिस्थितियाँ क्रमश: विषम होती गई हैं और धिक्षा … Read More