मातृभाषा (Mother toungue) और शिक्षा का लोकतंत्रीकरण

मातृभाषा (Mother toungue) मनुष्य इस अर्थ में भाषाजीवी कहा जा सकता है कि उसका सारा जीवन व्यापार भाषा के माध्यम से ही होता है । उसका मानस भाषा में ही … Read More

भारतीय भाषाओं में है आत्मनिर्भरता का मूल

 भाषा संवाद में जन्म लेती है और उसी में पल बढ कर समाज में संवाद को रूप से संभव बनाती है. संवाद के बिना समाज भी नहीं बन सकता न … Read More

शांति और मानवीय-चेतना के अभ्यासी आचार्य विनोबा भावे

विनोबा भावे जी की 125वीं जयंती पर एक ओर दुःस्वप्न जैसा कठोर यथार्थ और दूसरी ओर कोमल आत्म-विचार ! दोनों को साथ ले कर दृढ़ता पूर्वक चलते हुए अनासक्त भाव … Read More

स्वाधीनता और गांधी का स्वराज

उनकी खूबी यह भी रही कि वे अपने विचारों और अनुभवों को निरंतर लिखते भी रहे जो आम तौर पर सार्वजनिक जीवन के लोगों के लिए व्यस्तताओं के कारण सम्भव … Read More

संघर्ष की दुनिया में करुणा के अन्वेषी

”दलाई लामा के जन्मदिन पर विशेष” तिब्बत के पूर्वोत्तर हिस्से में आज से पचासी साल पहले जन्मे बौद्ध धर्म गुरु और आध्यात्मिक व्यक्तित्व के धनी परमपावन दलाई लामा ने जीवन … Read More