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Cherry export: कश्मीर से मिश्री किस्म की चेरी का पहला वाणिज्यिक लदान दुबई को निर्यात किया गया

Cherry export: मिश्री किस्म की यह चेरी न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि इसमें स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ विटामिन, खनिज और वनस्पति यौगिक भी भरपूर मात्रा में होते हैं।

  नई दिल्‍ली, 06 जुलाई: Cherry export: बागवानी फसलों के निर्यात को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए कश्मीर घाटी से मिश्री किस्म की स्वादिष्ठ चेरी का पहला वाणिज्यिक लदान (शिपमेंट) श्रीनगर से दुबई के लिए निर्यात किया गया है। एपीडा ने एमएस देसाई एग्री-फूड प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दुबई के लिए हुए चेरी के इस लदान में मदद की है। यह कंपनी एमएस इनोटेरा, दुबई की उद्यम कंपनी है।

 Cherry export: इस लदान से पहले नमूने की एक खेप जून 2021 के मध्य में श्रीनगर से दुबई के लिए हवाई जहाज से भेजी गई थी, जिसे मुंबई से ट्रांसशिप किया गया था। दुबई में उपभोक्ताओं से मिली उत्साहजनक प्रतिक्रिया के बाद मिश्री किस्म की चेरी का पहला वाणिज्यिक लदान दुबई के लिए निर्यात किया गया है।

मिश्री किस्म की यह चेरी न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि इसमें स्वास्थ्य लाभ के साथ-साथ विटामिन, खनिज और वनस्पति यौगिक भी भरपूर मात्रा में होते हैं।

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 केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में देश की वाणिज्यिक किस्मों की (Cherry export) चेरी के कुल उत्पादन का 95% से अधिक उत्पादन होता है। यहां चेरी की चार किस्मों- डबल, मखमली, मिश्री और इटली का मुख्य रूप से उत्पादन होता है। लदान से पहले चेरी को एपीडा से पंजीकृत निर्यातक द्वारा चेरी की तुड़ाई, सफाई और पैकिंग की गई थी, जबकि तकनीकी जानकारी कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराई गई है।

 एपीडा-राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, पुणे स्थित एक राष्ट्रीय रेफरल प्रयोगशाला है जिसने लदान में खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सहायता प्रदान की है, इससे विशेष रूप से मध्य-पूर्व देशों में (Cherry export) चेरी के ब्रांड सृजन में मदद मिलेगी। चेरी के वाणिज्यिक लदान की शुरुआत से आने वाले सीजन में कश्मीर से विशेष रूप से मध्य-पूर्व के देशों में आलूबुखारा, नाशपाती, खुबानी और सेब जैसे कई समशीतोष्ण फलों के निर्यात के लिए बड़े अवसर उपलब्ध होंगे।

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 Cherry export: एपीडा सेब, बादाम, अखरोट, केसर, चावल, ताजे फलों और सब्जियों तथा प्रमाणित जैविक उत्पादों जैसे कृषि उत्पादों की कश्मीर से निर्यात करने की क्षमता को बढ़ावा देने के लिए किसानों, कृषि उत्पादक संगठनों (एफपीओ), सरकारी अधिकारियों और अन्य हितधारकों के साथ बातचीत कर रहा है इस क्षेत्र से समशीतोष्ण फलों का निर्यात सुनिश्चित करने के लिए कश्मीर के स्थानीय उत्पादकों, आपूर्तिकर्ताओं, एफपीओ और निर्यातकों को शामिल करते हुए वर्चुअल जागरूकता निर्माण कार्यक्रम के अनेक दौर आयोजित किए जा रहे हैं।

वैश्विक मानकों का पालन करने वाले गुणवत्तायुक्त कृषि उत्पादों का निर्यात सुनिश्चित करने के लिए एपीडा ने नेशनल जैविक उत्पादन कार्यक्रम और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों के लिए आईएसओ-17065 जरूरतों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया है। ऐसे कार्यक्रमों का उद्देश्य जैविक उत्पादों के साथ-साथ जैविक उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों को तृतीय-पक्ष प्रमाणन प्रणाली से परिचित कराना भी था।