Kavya: सान्ध्य बीती जैसे जीवन नूर की नैया बहती रेत – सी पीछे छुटती छैया

!! महोच्चार जाग्रत उर में !! (Kavya) Kavya: सान्ध्य बीती जैसे जीवन नूर की नैयाबहती रेत – सी पीछे छुटती छैयातस्वीर बन रचती जैसी हो शशि रागबन , मुरझा उठीं … Read More

Mera gaanv: वो गांव बस एक गांव था: प्रभात रंजन

!! मेरा गांव !!(Mera gaanv) Mera gaanv: वो गांव बस एक गांव था,सुख–शांति चहुँ ओर थी,सभी लोग परोपकारी थे,उनकी दुनिया ही अलग थी। न जातिभेद न कर्मभेद,कोई किसी को न … Read More

Yaad E shahadat: याद-ए-शहादत: नमन आनंद

!! याद-ए-शहादत !!(Yaad E shahadat) एक दीप शहीदों के नाम (Yaad E shahadat)पार किये जिन्होंने मुश्किलें तमामखा ली गोलियां सीने पर जिन्होंनेलेकिन उफ़ तक न की उन्होंने। होता नहीं जिनका … Read More

flying high: ऊंची उड़ान, ऊंचे आसमां: सुमन भारती

!! ऊंची उड़ान, ऊंचे आसमां !!(flying high) flying high: पंछी ने हमारा क्या बिगाड़ा है ?उसने तो हमें कुछ कहा भी नहीं कभीफिर भी हम अपनी खुशियाँ के कारणउसे बंधी … Read More

इंसानियत (Insaniyat)के राह पर हमें चलना होगा: अमरेश कुमार

!! इंसानियत !!(Insaniyat) इंसानियत (Insaniyat) के राह परहमें चलना होगाठोकरे खा- खा करहमें संभालना होगा । इंसान इंसानियत के बिनाइंसान नहीं होतामानव मानवता से बड़ाकोई धर्म नहीं होता । इंसानियत … Read More

Importance of time: सोचा था जो कर दिखलाऊंगा वो तो बस ख्वाबों में ही रह गया

!! समय !!(Importance of time) Importance of time निकल गया, निकल गयासमय हाथ से निकल गयासोचा था जो कर दिखलाऊंगावो तो बस ख्वाबों में ही रह गयानिकल गया, निकल गयासमय … Read More

water conservation: मत करो प्रदूषित नदियों, झीलों और तालाबों को..

!! जल संरक्षित !!(water conservation) water conservation जीवन का नींव जल है,जल बिना न उत्तम कल है,बिना जल मरना पल-पल है,बूँद-बूँद संरक्षित करना जल है। बिना जल कोई भी प्राणवान,अंध … Read More

Desh ki bagia: हमारा भारत बहुत प्यारा, न्यारा न्यारा सबसे प्यारा: सुमन भारती

!! देश की बगिया !!(Desh ki bagia) Desh ki bagia: हमारा भारत बहुत प्यारान्यारा न्यारा सबसे प्याराकहीं जाति के धर्म रहते यहांहिंदू मुस्लिम सिख इसाईगोरखा मद्रासी मिलजुल के यहांयहां कई … Read More

Hind himalay: हिन्द हिमालय के तस्वीर रचाएँ जग में: वरुण सिंह गौतम

Hind himalay: हिन्द हिमालय के तस्वीर रचाएँ जग मेंकर शृंगार खड़ी धरती निहारती अरुण के पथ सतरंगी इन्द्रधनुष रचे अम्बर के कोने मेंकोटि – कोटि नमन करें हम मातृभूमि की … Read More

Koshish: अश्कों का सैलाब बहाए तू क्यों खुद से रूठा रूठा हैं: अनुराधा रानी

!! कोशिश !!(Koshish) Koshish: अश्कों का सैलाब बहाए तू क्यों खुद से रूठा रूठा हैं,मायूसी के घर में बैठ तू क्यों बुझा-बुझा सा हैं,नाकामयाबी के डर ने तुझे कितना बेरहम … Read More