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Economic crisis in Sri lanka: श्रीलंका की मदद के लिए आगे आया भारत, इस साल दी इतने अरब डॉलर की मदद

  • अप्रैल में सिंहली और तमिल नव वर्ष से पहले भारत ने सद्भावना के रूप में अतिरिक्त 11,000 मीट्रिक टन चावल भेजा था
  • इस साल जनवरी से भारत ने श्रीलंका को दी 3 अरब डॉलर से अधिक की मदद

Economic crisis in Sri lanka: भारत की ओर से श्रीलंका को लगभग 16,000 मीट्रिक टन चावल भी वितरित किया जा रहा

नई दिल्ली, 03 मईः Economic crisis in Sri lanka: आजादी के बाद अपने सबसे खराब आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे और कर्ज में डूबे श्रीलंका को भारत से काफी मदद मिली हैं। इसी कड़ी में एक बार फिर भारत ने श्रीलंका की मदद की हैं। दरअसल भारत की ओर से श्रीलंका को 16,000 मीट्रिक टन चावल भेजा जाएगा। इसके साथ ही इस साल जनवरी से ऋण, क्रेडिट लाइनों और क्रेडिट स्वैप में भारत ने श्रीलंका को 3 अरब डॉलर से अधिक की मदद की हैं।

भारत ने श्रीलंका के तेजी से घटते ईंधन स्टॉक को फिर से भरने के लिए अपनी मौजूदा वित्तीय मदद को 200 मिलियन डॉलर तक बढ़ा दिया था। भारतीय उच्चायोग ने आज कहा कि श्रीलंका में चल रहा संकट विदेशी मुद्रा की कमी के कारण हुआ है, जिसका अर्थ है कि देश मुख्य खाद्य पदार्थों और ईंधन के आयात के लिए भुगतान नहीं कर पा रहा हैं।

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भोजन, दवाओं और अन्य जरूरी सामान की खरीद के लिए 1 अरब डॉलर की क्रेडिट सुविधा पहले से ही चालू है, साथ ही कहा कि भारत की ओर से श्रीलंका को लगभग 16,000 मीट्रिक टन चावल भी वितरित किया जा रहा हैं। बयान में कह गया है कि क्रेडिट लाइन के तहत चावल, दवाओं और औद्योगिक कच्चे माल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की अतिरिक्त खेप दी जा रही हैं।

डीजल, पेट्रोल और विमानन ईंंधन जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की खरीद के लिए 500 मिलियन डॉलर की एक अलग मदद दी जाएगी जिसमें विभिन्न प्रकार के ईंधन की 9 खेपों की डिलीवरी होनी है। इस साल अप्रैल में सिंहली और तमिल नव वर्ष से पहले भारत ने सद्भावना के रूप में अतिरिक्त 11,000 मीट्रिक टन चावल भेजा था।

Economic crisis in Sri lanka: फरवरी में नई दिल्ली ने ईंधन स्टॉक की खरीद के लिए श्रीलंका को 500 अरब डॉलर का अल्पकालिक ऋण दिया था। बयान में कहा गया है कि अब तक करीब 400,000 मीट्रिक टन ईंधन की आपूर्ति की जा चुकी है और जल्द ही और खेप आ जाएगी।

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