Arvind Kejariwal

Kejriwal on power crisis: पूरे भारत में बिजली की स्थिति काफी गंभीर, हम सबको मिलकर जल्द इसका समाधान निकालना होगा- अरविंद केजरीवाल

Kejriwal on power crisis: देशभर में बिजली की भारी समस्या हो रही है, अभी तक दिल्ली में हम लोग किसी तरह से मैनेज किए हुए है, इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की जरूरत है- अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली, 30 अप्रैलः Kejriwal on power crisis: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोयले की कमी के कारण देशभर में बढ़ते विद्युत संकट को लेकर गहरी चिंता जाहिर (Kejriwal on power crisis) की हैं। सीएम अरविंद केजरीवाल ने विद्युत संकट को लेकर कहा कि पूरे भारत में बिजली की स्थिति बेहद गंभीर है। हम सबको मिलकर जल्द इसका समाधान निकालना होगा। अभी तक दिल्ली में हम लोग किसी तरह से मैनेज किए हुए हैं।

Kejriwal on power crisis: इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की जरूरत है। वहीं, बिजली की किल्लत को देखते हुए दिल्ली के उर्जामंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र सरकार से बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों में कोयले की उचित व्यवस्था की अपील की है। ताकि देश के लोगों को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति में कोई दिक्कत न आए।

Kejriwal on power crisis: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने (Kejriwal on power crisis) विद्युत संकट के संबंध में ट्विट कर कहा- देशभर में बिजली की भारी समस्या हो रही है। अभी तक दिल्ली में हम लोग किसी तरह से मैनेज किए हुए हैं। पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर है। हम सबको मिलकर जल्द ही इसका समाधान निकालना होगा। इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की जरूरत हैं।

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दिल्ली के उर्जामंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि पूरे देश में कोयले की बहुत भयंकर कमी है। इसका सबसे बड़ा कारण, रेलवे के रैक का कम होना और कोयले की सप्लाई में भारी कमी है। कोयले की इस भारी कमी के कारण देशभर के सभी पावर प्लांट्स में बिजली उत्पादन को लेकर समस्या आ रही है।

सत्येंद्र जैन ने पूरी प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बिजली को स्टोर नहीं किया जा सकता है, बिजली रोजाना पावर प्लांट में बनाई जाती है। इसलिए बिजली के बैकअप के लिए इसे बनाने वाले ईंधन का बैकअप रखना जरूरी है। इस समय यह ईंधन कोयला है, जिसकी सप्लाई में देशभर में कमी आई हुई हैं।

पावर प्लांट्स में कोयले की कमी

सत्येंद्र जैन ने बताया कि आम तौर पर पावर प्लांट में बिजली बनाने के लिए 21 दिनों से ज्यादा का कोयले का बैकअप होता है। लेकिन आज देश के कई प्लांट्स में सिर्फ 1 दिन का कोयला बचा है। दिल्ली में भी स्थिति गंभीर है। दिल्ली को बिजली मुहैया कराने वाले सभी पावर प्लांट में एक ही दिन का कोयला बचा है। वर्तमान में सप्लाई के हिसाब से हमारे पास केवल अगले दिन का कोयला बचा होता है।

बिजली के पावर प्लांट इस तरह काम नहीं कर सकते है। किसी भी परिस्थिति में कम से कम 7 दिनों का कोयला होना ही चाहिए, ताकि पावर प्लांट अपनी पूरी क्षमता पर काम कर सकें। अभी दिल्ली में 6000 मेगावाट की पीक डिमांड है। इसकी जानकारी पॉवर के ऑनलाइन पोर्टल पर देख सकते हैं। लगभग 21 दिनों से ज्यादा का बैकअप हमेशा ही सभी पावर प्लांट्स में हुआ रहा करता था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह सिर्फ 1-2 दिन का रह गया हैं।

बिजली की गंभीर समस्या को लेकर केंद्र सरकार जल्द उचित कदम उठाए

Kejriwal on power crisis: सत्येंद्र जैन ने कहा कि कोयले की सप्लाई करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की हैं। केंद्र सरकार से अपील हैं कि देशभर में कोयले की निरंतर सप्लाई सुनिश्चित करें। साथ ही रेलवे के टैक बढ़ाएं जाएं। जहां पहले ट्रेन में 450 रैक होते थे अब केवल 405 ही हैं। जबकि इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी होनी चाहिए थी, परंतु इसका ठीक उलट हो रहा है। अब ये रैक घट गए हैं।

दिल्ली के कुछ हिस्सों में ब्लैक आउट से बचने के लिए और डीएमआरसी, अस्पतालों और आगामी गर्मी के मौसम में बिजली की निरंतर आपूर्ति के लिए इन पॉवर स्टेशनों की अहम भूमिका रहती है। अभी तक दिल्ली सरकार इस पूरे मामले को मैनेज किए हुए हैं। लेकिन पूरे देश की स्थिति की गंभीरता को देखकर केंद्र सरकार को इसपर जल्द से जल्द उचित कदम उठाना चाहिए। ताकि बिजली की समस्या का समाधान निकालना हो सके।

दिल्ली सरकार लगातार स्थिति पर निगरानी बनाए हुए है

राजधानी के कुछ इलाकों में लोगों को बिजली के संकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए दिल्ली सरकर स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं और हरसंभव प्रयास कर रही है। वर्तमान में कोयले की कमी से जूझ रहे इन पॉवर स्टेशन के जरिए दिल्ली में 25 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की बिजली की मांग को पूरा किया जा रहा है। दिल्ली में बिजली आपूर्ति करने वाले विभिन्न थर्मल स्टेशनों में इस समय कोयले की बहुत ज्यादा कमी है।

नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) के दादरी- दो और झज्जर दोनों पॉवर प्लांट्स मुख्य रूप से दिल्ली में बिजली की आवश्यकता को पूरा करने के लिए स्थापित किए गए थे। लेकिन इन पॉवर प्लांट्स में कोयले का बेहद कम स्टॉक बचा है। केंद्र सरकार की ओर से वक्त रहते कदम नहीं उठाया गया तो दिल्ली मेट्रो व अस्पतालों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति में दिक्कत आ सकती हैं।

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