Prem: प्रेम आंखों से निकल कर…

Prem: !!प्रेम!! Prem: प्रेम,,,,आंखों से निकल करदिल में उतर कररूह को छूकरबहा ले जाता है जज़्बातों की नदी में रंग,,,सुनहरे लगने लगते हैबेवजह चेहरे खिलने लगते हैएक ख्याल से महक … Read More