इंसानियत (Insaniyat)के राह पर हमें चलना होगा: अमरेश कुमार

!! इंसानियत !!(Insaniyat) इंसानियत (Insaniyat) के राह परहमें चलना होगाठोकरे खा- खा करहमें संभालना होगा । इंसान इंसानियत के बिनाइंसान नहीं होतामानव मानवता से बड़ाकोई धर्म नहीं होता । इंसानियत … Read More

water conservation: मत करो प्रदूषित नदियों, झीलों और तालाबों को..

!! जल संरक्षित !!(water conservation) water conservation जीवन का नींव जल है,जल बिना न उत्तम कल है,बिना जल मरना पल-पल है,बूँद-बूँद संरक्षित करना जल है। बिना जल कोई भी प्राणवान,अंध … Read More

Hind himalay: हिन्द हिमालय के तस्वीर रचाएँ जग में: वरुण सिंह गौतम

Hind himalay: हिन्द हिमालय के तस्वीर रचाएँ जग मेंकर शृंगार खड़ी धरती निहारती अरुण के पथ सतरंगी इन्द्रधनुष रचे अम्बर के कोने मेंकोटि – कोटि नमन करें हम मातृभूमि की … Read More

Koshish: अश्कों का सैलाब बहाए तू क्यों खुद से रूठा रूठा हैं: अनुराधा रानी

!! कोशिश !!(Koshish) Koshish: अश्कों का सैलाब बहाए तू क्यों खुद से रूठा रूठा हैं,मायूसी के घर में बैठ तू क्यों बुझा-बुझा सा हैं,नाकामयाबी के डर ने तुझे कितना बेरहम … Read More

Watan meghvarna si: भारत ! कोई मुझसे पूछा, आखिर क्या है यह ?: वरुण सिंह गौतम

!! वतन मेघवर्ण – सी…..!! (Watan meghvarna si) Watan meghvarna si भारत ! कोई मुझसे पूछा , आखिर क्या है यह ?मैं असमंजस में ठहरा , त्वरित गया इति के … Read More

Suicide-Why? तू हार नहीं सकती ज़िंदगी, तेरा सफ़र अभी बाकी है: अनुराधा रानी

!! आत्महत्या-आख़िर क्यों? !!(Suicide-Why?) Suicide-Why? तू हार नहीं सकती ज़िंदगी ,तेरा सफ़र अभी बाकी है,कोयले से हीरा बनने का तू ख़ुद बैसाखी है,क्यों बेबस कर रहा है ख़ुद को इतना,अभी … Read More

Varun Singh Gautam: फूल बरसे या चन्द्रहास, कौन कहें फिर कोमल या तेज धार…..

!! बहुरि अकेला भव में !! नव्य शैशव हुए कितने वीरानप्लव – प्लव – प्लावित मायाअब इस पुलिन की क्या कसूर ?जग – जग हुँकार अब भी त्राण कौन सुने … Read More

गुमनाम पतझड़ के (Gumnam Patajhad ke)

मै गुमनाम बन चला इस पतझड़ के (Gumnam Patajhad ke)किस करीनों से कहूँ क्या गुमशुम व्यथाएँ ?तस्वीर भी टूटी किस दर्रा में फँसी जाखोजूँ , विकलता के किस ओर गयी … Read More

Self respect: स्वयं को एक वीर योद्धा बनाए…

स्वयं को एक वीर योद्धा बनाएकोई मजाक में भी आपसेदुस्साहस करने का ना साहस दिखाएंअपने व्यक्तित्व को सभ्यता औरसंस्कारों के आभूषण से सजाएंआपके व्यवहार से परिचितआपके मित्रों के भाव में … Read More

Har koi ulajha hai: हर कोई उलझा है अपनी ही उलझनों में: सिमरन स्वराज

Har koi ulajha hai: हर कोई उलझा है अपनी ही उलझनों मेंना किसी के जीवन को और उलझाएंऔरों के लिए षड्यंत्र रचने से भलास्वयं के लिए कुछ बेहतर कर दिखाएंअपनी … Read More